*उझानी–जनपद (बदायूं) से विवेक गुप्ता की रिपोर्ट:-*
उझानी / कोरोना संक्रमण को लेकर गंगा स्नान पर रोक थी, लेकिन बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर पुलिस की सख्ती के बावजूद भी तमाम श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए घाटों पर पहुंच गए। जगह-जगह पुलिस श्रद्धालुओं को रोकती रही। बदायूं प्रशासन के क्षेत्र का कछला गंगा घाट तो सूना रहा, लेकिन सोरों लहरा और कादरगंज पर तमाम श्रद्धालुओं ने गंगा में डूबकी लगाई। हालांकि पुलिस कोरोना संक्रमण के खतरे की चेतावनी देकर अधिकांश श्रद्धालुओं को लौटा रही थी। भगवान बुद्ध के महापरिनिर्वाण दिवस की पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने हर-हर गंगे के जयकारे लगाते हुए गंगा में डुबकी लगाई। गंगा स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने मां गंगा की आरती उतार कर प्रसाद चढ़ाया। हरिपदी मार्ग पर परिक्रमा लगाई। परिक्रमा मार्ग पर बैठे साधु-संतों को मीठे जल से भरे घट, सत्तू, खरबूजा, ककड़ी, मिष्ठान, पूड़ी का वितरण किया
*सीमा पर दिखाई दी बेहद सख्ती—*
भले ही कासगंज जिला प्रशासन के क्षेत्र के गंगा घाटों पर सख्ती के बाद भी कुछ श्रद्धालु स्नान करने पहुंच गए। लेकिन बदांयू प्रशासन की हद के कछला गंगा घाट पर कासगंज की ओर से श्रद्धालुओं को नहीं पहुंचने दिया गया। बदांयू कासगंज जिले की सीमा पर ही घाट से पहले बदांयू प्रशासन व पुलिस की टीमें लगी हुई थीं। श्रद्धालुओं को सीमा से ही वापस कर दिया गया। इसके अलावा कासगंज जिले में जगह-जगह बैरियर लगाए गए थे, लेकिन श्रद्धालु पुलिस से बचकर स्नान के लिए पहुंचे।
*नौकाओं से भी पुलिस ने की निगरानी-*
पुलिस द्वारा गंगा घाटों पर सख्ती थी। श्रद्धालुओं को कोरोना कर्फ्यू के चलते भीड़ न एकत्रित होने के लिए चेतावनी देते रहे। जो लोग गंगा में स्नान कर रहे थे उन्हें पुलिस ने नौकाओं से पहुंचकर सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए चेताया। पुलिस निगरानी करती रही।
*घाटों से हटकर भी श्रद्धालुओं ने किया स्नान—*
गंगा घाटों पर पुलिस की सख्ती थी। पुलिस श्रृद्धालुओं को गंगा स्नान के लिए घाटों पर पहुंचने के लिए रोक रही थी। जिसके चलते श्रद्धालुओं ने मुख्य घाटों से कुछ दूर हटकर गंगा स्नान किया।