डॉ शशि कांत सुमन
पटना। अवैध बालू उत्खन मामले में बिहार सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। इस मामले में बिहार सरकार ने 2 जिलों के एसपी को हटा दिया है। भोजपुर के एसपी राकेश कुमार दुबे को हटा दिया गया है। औरंगाबाद एसपी सुधीर कुमार पोरिका को भी पुलिस मुख्यालय में योगदान देने का निर्देश दिया है। भोजपुर एसपी व औरंगाबाद एसपी के स्थानांतरण के बाद तत्काल प्रभार की आंतरिक व्यवस्था के लिए डीजीपी को प्राधिकृत किया गया है। इसके साथ ही कई अधिकारियों पर भी गाज गिरी है।
एक एसडीओ व 2 जिला परिवहन पदाधिकारियों को हटाया दिया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। बताया जा रहा है कि बालू के अवैध खनन-परिवहन में विभागीय मिलीभगत के आरोप में इन तीनों अधिकारियों को हटाया गया है। डेहरी अनुमंडल के एसडीओ सुनील कुमार सिंह को पद से हटाते हुए सामान्य प्रशासन विभाग में वेटिंग फॉर पोस्टिंग किया गया है। वहीं औरंगाबाद के जिला परिवहन पदाधिकारी अनिल कुमार सिन्हा को भी पद से हटाया गया है और सामान्य प्रशासन विभाग में योगदान देने को कहा गया है। जबकि पटना के डीटीओ पुरुषोत्तम को भी हटा दिया गया है । उन्हें भी सामान्य प्रशासन विभाग में योगदान देने का आदेश दिया गया है। इसके पहले बिहार पुलिस मुख्यालय ने अवैध खनन माफियाओं को संरक्षण देने वाले पटना जिले के तीन थानेदारों समेत दो दर्जन दारोगा-इंस्पेक्टर को स्थानांतरित किया गया था। तब से ही यह चर्चा थी कि अब दूसरे विभाग के अधिकारियों पर कार्रवाई होगी। बता दें, बिहार के पांच जिलों में अवैध बालू खनन की शिकायत मिलने पर डीजीपी ने आर्थिक अपराध इकाई से जांच कराई थी। जांच में थानेदार से लेकर एसडीओ व अन्य अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई थी। रिपोर्ट के बाद सरकार ने अवैध बालू उत्खनन में संरक्षण देने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई शुरू की है।