✍️ANA/Arvind Verma

🟥खगड़िया (बिहार)। ज़िले के हर प्रखंडों में दीपावली पर्व पर बहनें अपने भाई की सुख शांति और समृद्धि के लिए घरौंदा को अच्छी तरह सजा कर, रंग रोगन लगा कर, पूजा कर मिट्टी की बनी कुलिया, चुकिया में लावा, मिठाइयां भरीं और प्रसाद भाई को

खिलाई। भाई से आशीर्वाद भी ली। महिला समाज सेवी इन्दु प्रभा ने एक भेंट में मीडिया से कहा घरौंदा ‘घर’ शब्द से बना है। माह के आरंभ से ही सामान्य तौर पर दीपावली पर्व पर अविवाहित लड़कियां घरौंदा का निर्माण करती हैं । अविवाहित लड़कियों द्वारा इसके निर्माण के पीछे मान्यता है कि इसके

निर्माण से उनका घर भरा पूरा बना रहेगा। घरौंदा बनाने का प्रचलन दीपावली के दिन हो होता है। आगे उन्होंने कहा पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, प्रभु श्री राम जब चौदह वर्ष का वनवास काटकर अपनी नगरी अयोध्या लौटे थे तब उनके आने की खुशी में अयोध्यावासियों ने अपनेअपने घरों में दीपक जलाकर उनका स्वागत किया था। लोगों ने यह माना कि अयोध्या नगरी एक बार उनके आगमन से ही बसी। इसी परम्परा के कारण

घरौंदा बनाकर उसे सजाने का प्रचलन हुआ । घरौंदा में सजाने के लिये कुल्हिया-चुकिया का प्रयोग किया जाता है और उसमें अविवाहित लड़कियां उसमें लाबा, फरही.. मिष्ठान आदि भरती हैं । इसके पीछे मुख्य वजह रहती है कि भविष्य में जब वह शादी

के बाद अपने घर जाये तो वहां भी भंडार अनाज से भरा रहे। कुल्हियां चुकिया में भरे अन्न का प्रयोग वह स्वयं नही करती है और इसे अपने भाई को खिलाती है।