– डीएम के आदेश पर भी एफआईआर दर्ज नहीं किए जाने का मामला

– सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में भी सीओ ने दी थी गलत सूचना

-मुंगेर में नहीं थम रहे हैं सीओ के कारनामे, दबंगों को किया जा रहा है संरक्षित

 

🟥मुंगेर : मुंगेर में अंचलाधिकारी मुद्रा मोचन के लोभ में डीएम के आदेश को भी ठेंगा दिखाते रहे हैं। ऐसा ही एक मामला मंगलवार को न्यायालय में सामने आया है। जहां डीएम के आदेश के बाद भी सदर अंचलाधिकारी पूजा कुमारी तथा मुफस्सिल थानाध्यक्ष राजेश कुमार सिन्हा ने प्राथमिकी तक अपराधियों के विरुद्ध दर्ज नहीं किया। थक हार कर पीङित अब न्यायालय के शरण में आए हैं। न्यायालय में पीङित ने तत्कालीन अंचलाधिकारी पूजा कुमारी तथा राजेश सिन्हा के विरुद्ध नालसी वाद दायर कर गंभीर आरोप लगाया है। पीङित किसान दीपक महंतों ने न्यायालय में 298 C /2023 में सीजेएम में मुकदमा दर्ज कराया है। बताते चलें कि पूर्व में दीपक महतो ने जिला अधिकारी से मुन्सरी यादव पर 14 बीघे जमीन पर अवैध कब्ज़ा और रंगदारी करने के मामले में जिलाधिकारी से न्याय का फरियाद किया था।

 

जिसमें जिला अधिकारी ने 30 / 11 / 2022 को मुंगेर एसपी और सदर एसडीओ को आरोपियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया था। एसपी के द्वारा भी मुफसिल थाने को आदेश देने के बाद भी अपराधी के खिलाफ कोई करवाई नहीं हुई। वही दीपक महतो द्वारा अंचल मुंगेर के जनता दरबार में भी काफी चक्कर लगाने के बाद टाल मटोल करती रही। वही सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगने पर अंचल अधिकारी पूजा कुमारी द्वारा सरकरी जमीन का झूठा हवाला देते हुए गलत जानकारी दी। पीड़ित किसान दीपक महंतों कई महीने बीत जाने के बाद आखिर कार थक हार कर न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। दीपक महतो ने मंगलवार को सीजेएम कोर्ट में मुंगेर सदर की तत्कालीन अंचल अधिकारी पूजा कुमारी और तत्कालीन मुफसिल थानाध्य्क्ष राजेश कुमार सिन्हा पर 298 C /2023 में अपने बयान के साथ मुकदम दर्ज कराया है। इस संबंध में तत्कालीन सदर अंचलाधिकारी पूजा कुमारी से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया जो सफल नहीं हो पाया। सूत्रों की माने तो तत्कालीन सदर अंचलाधिकारी पूजा कुमारी के कार्यकाल में बड़े पैमाने पर दाखिल खारिज सहित जमीन से जुड़े अन्य मामलों में अनियमितता बरती गई है। इसके आरोप समय-समय पर उछलते रहे हैं । चाहे वह सरकारी जमीन का अतिक्रमण का मामला हो या निजी जमीन का । अंचलाधिकारी अपने मन मुताबिक काम करते रहे हैं। लोग तो अब कहने लग गए हैं कि सरकारी मुलाजिम जब सरकारी संपत्ति और भवन की रक्षा नहीं कर सकते हैं तो किसी व्यक्ति के निजी जमीन और संपत्ति की सुरक्षा दिलाने में कितना कारगर साबित होते होंगे। ग्रामीणों ने कहा कि पूजा कुमारी के कार्यकाल की अगर गंभीर मामलों की जांच की जाए तो पूजा कुमारी की गर्दन फस सकती है।