🟠सत्येंद्र यादव

अदालत ने क्षेत्राधिकारी नगर पर की गंभीर टिप्पणी

🟥मथुरा – न्यायालय एससी, एसटी एक्ट ने एक परिवाद में डीएवी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य सहित 3 लोगों के विरुद्ध तलबी आदेश पारित किए हैं। न्यायालय ने 202 की त्रुटिपूर्ण विवेचना और आख्या प्रेषित करने पर क्षेत्राधिकारी नगर पर भी गंभीर टिप्पणी की है जानकारी के अनुसार थाना गोविंद नगर क्षेत्र के अंतर्गत डीएवी इंटर कॉलेज मैं कार्यरत अनुसूचित जाति के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी राजन सिंह के साथ 7 सितंबर 2020 को जातिगत देश भावना से प्रभावित होकर प्रधानाचार्य डॉ विजेंद्र सिंह और धुर्व सिंह अध्यापक बलदेव सिंह ने मारपीट कर गंभीर रूप से घायल कर दिया सूचना पर राजन सिंह की पत्नी रेखा देवी और उसकी पुत्री नाबालिग कुमारी साधना मौके पर पहुंचे मौके पर पहुंचे स्कूल के बाहर बेहोशी की हालत में राजन सिंह पड़ा हुआ मिला इस संबंध मैं वादिया ने जब प्रधानाचार्य से जानकारी करनी चाहिए तो उन्होंने मां बेटी के साथ में आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग करते हुए गाली गलौज कर छेड़छाड़ की तथा मारपीट की पीड़िता अपने पति को घायल अवस्था में लेकर थाना गोविंद नगर पहुंची पुलिस ने उसका न मुकदमा लिखा और ना ही घायलों का उपचार कराया।
घायल राजन सिंह को लेकर जिला अस्पताल उपचार के लिए ले गई जहां डॉक्टरों ने चोटो का मुआयना किया। घायल को उपचार के भर्ती कर ईलाज किया गया। डॉक्टरों ने राजन सिंह को 3 दिन तक अस्पताल में भर्ती रखकर उपचार किया गया। पीड़िता रेखा देवी ने थाना पुलिस द्वारा न्याय नहीं किए जाने पर पुलिस के आला अधिकारियों, मानवाधिकार आयोग, अनुसूचित जाति जनजाति आयोग और शासन में बैठे हुए जिम्मेदार अधिकारियों को कार्यवाही की कोई राहत न मिलने पर न्यायालय विशेष न्यायाधीश एससी एसटी एक्ट मथुरा के समक्ष 156( 3) के तहत प्रार्थना पत्र दिया जिस पर न्यायालय ने थाना से आख्या तलब करने के बाद परिवार के रूप में दर्ज कर लिया जिसने पीड़िता घायल और गवाहों का परीक्षण के उपरांत जाँच करने के लिए क्षेत्राधिकारी नगर को भेजी गई।
क्षेत्राधिकारी नगर के द्वारा न्यायालय में भेजी गई जांच आख्या में पीड़ित पक्ष का कोई साक्षी के बयान अंकित नहीं किए प्रतिवादीगण और उसके व्यक्तियों के बयान सफाई दर्ज कर परोक्ष , अपरोक्ष रूप से लाभ पहुंचाने का कार्य किया है। न्यायालय ने क्षेत्राधिकारी नगर की जांच आख्या का अवलोकन करने के बाद अपने आदेश में क्षेत्राधिकारी द्वारा दी गई आख्या को त्रुटिपूर्ण मानते हुए आरोपी पक्ष से प्रभावित होकर दी गई माना है इस मामले में न्यायालय की टिप्पणी क्षेत्राधिकारी एवं पुलिस के अधिकारियों के लिए चिंतनीय प्रश्न है। न्यायालय ने 31 मई को दिए अपने आदेश में अभियुक्त गण विजेंद्र सिंह प्रधानाचार्य डीएवी इंटर कॉलेज अध्यापक धुर्व सिंह, कर्मचारी बलदेव सिंह को धारा 323 ,504 ,506,354 आईपीसी और एससी एसटी एक्ट में तलब किया है न्यायालय के आदेश से पीड़ित पक्ष को भले ही 3 वर्ष बाद ही राहत मिली है अब उसे कानून पर पूरा भरोसा है उसके साथ न्याय होगा।