चीफ एडिटर सुहेल अहमद की रिपोर्ट,
मैं अकेली ही चली थी जानिबे मंजिल मगर
लोग आते गए और कारवां बनता गया,
बस्ती / अंतरराष्ट्रीय महिला सम्मान दिवस पर कहानी एक ऐसी लड़की की जो थाना लालगंज कि एक छोटे से गांव की रहने वाली है यह योगीनी अब किसी परिचय की मोहताज नहीं है ।अपनी मेहनत और लगन से बस्ती जनपद में योग्य शिक्षा में अपनी अलग पहचान बना रही हैं जो नारी सशक्तिकरण की एक मिसाल हैं । कुमारी सन्नो दुबे
न्यू समाचार प्लस से एक इंटरव्यू में बताया कि 3 साल पहले कुछ अपने स्वास्थ्य को लेकर काफी परेशान थी बस्ती से लेकर गोरखपुर तक वह इलाज के सिलसिले में जाती रहती थी लेकिन जब तक दवा खाती थी तब तक ही वह ठीक रहती थी दवा छोड़ने के बाद रोग फिर वैसा ही रूप धारण कर लेता था
और दवाओं के साइड इफेक्ट भी दिखने लगे थे परेशान होकर उन्होंने योगा को अपनाने का प्रण किया चूंकि गांव में योगा सीखने का कोई साधन नहीं था न ही कोई गुरु उन्हें ध्यान आया की टेलीफोन पर स्वामी रामदेव जी को देखा जाए और प्राणायाम किया जाए योग विद्या से उनको कुछ दिनों में लाभ मिलने लगा योग के प्रति अपनी रुचि को लेकर 3 साल पहले गांव छोड़ बस्ती आ गई जहां उनको आर्य समाज मंदिर में सुभाष आर्य जी के संपर्क में आई और योग शिक्षा के लिए एडमिशन कराया वहां उन्हें गरुड़ध्वज पांडे जो पतंजलि से जुड़े हैं उनका भी आशीर्वाद मिला सहयोग से 7 दिनों के लिए हरिद्वार मे बाबा रामदेव जी से प्रशिक्षण प्राप्त कर वापस आई लेकिन सन्नो दुबे का कहना है कि हमारे गुरु डॉक्टर नवीन सिंह राष्ट्रीय महासचिव विश्व संवाद परिषद का सबसे बड़ा सहयोग है कुछ मेरी बिमारियां चुंबकीय विधि से भी ठीक हो गई उन्होंने हमें योग् और चुंबकीय विधि का ज्ञान देकर आत्मनिर्भर बनाया और रोजगार से भी जोड़ा आज मैं अपने पैरों पर खड़ी हूं। डॉक्टर नवीन सिंह ने चुंबकीय विधि को सैकड़ों महिलाओं तक पहुंचा कर उनको आत्मनिर्भर बनाने का काम किया है । डॉक्टर सन्नो दुबे का कहना है अब शरीर मेरे बस में है मैं शरीर के बस में नहीं इसलिए मैं निरोग हूं मेरा सपना है इस विधि को महिलाओं तक अधिक से अधिक पहुंचाऊं ताकि मेरे जनपद की महिलाए निरोग हो सके महिलाओं के लिए काम करती रहूंगी क्योंकि पुरुष मुकाबले महिलाएं अधिक बिमारियों से ग्रसित रहती है। सन्नो दूबे को अब तक कई जगह उनके इस कार्य के लिये सम्मानित भी किया जा चुका है । अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर हम शपथ लें की योग करे निरोग रहे।