शशीकांत सुमन की रिपोर्ट,
मूर्ति विर्सजन गोली कांड प्रकरण में बिहार सरकार को सुप्रीम कोर्ट से लगा झटका
हाईकोर्ट के आदेश को यथावत रखते हुए सरकार के विशेष याचिका को किया खारिज
मुंगेर दुर्गा विसर्जन गोलीकांड बनी पहेली
सात माह बाद भी एक भी अभियुक्त गिरफ्तार नहीं
डॉ शशि कांत सुमन
पटना।सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के मुंगेर दुर्गा विर्सजन गोली कांड में कथित पुलिस की गोलीबारी में हाईकोर्ट के द्वारा मृतक के स्वजन को दस लाख रूपये मुआवजा राशि देने के आदेश के विरुद्ध बिहार सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर विशेष याचिका को खारिज करते हुए सरकार को झटका दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए कहा कि यह भयावह है कि एक युवा को गोली मारी गई। सुप्रीम कोर्ट ने भी पाया कि पुलिस ने इस मामले की सही से जांच नहीं की है।क्योंकि मुंगेर के तात्कालीन पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह सत्ताधारी दल के एक सदस्य के रिश्तेदार है। बता दें कि पिछले साल 26 अक्टूबर को मुंगेर में दुर्गा विसर्जन के दौरान पुलिस के द्वारा की गई गोलीबारी में 18 वर्षीय युवक अनुराग पोद्दार की मौत हो गई थी। न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी व न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने कहा कि पुलिस ने 18 साल के एक युवक की गोली मार दी थी और हम कह सकते है कि पुलिस ने जिस तरह से जांच की है वह चौकानेवाली है। पीठ ने कहा कि उसे निर्णय और आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं मिलता है।अतएव इस विशेष याचिका को खारिज की जाती है। घटना के एक साल बाद भी मुंगेर दुर्गा विसर्जन गोलीकांड अब भी पहेली बनकर रह गई है। हालांकि हाई कोर्ट इस मामले की स्वयं मोनिटरिंग कर रही है। पुलिस एवं सीआईडी घटना के नामजद पुलिस पदाधिकारी, पुलिसकर्मियों एवं अन्य में किसी भी को अब तक गिरफ्तार नहीं कर सकीं । 26 अक्टूबर 2020 को दुर्गा मूर्ति विसर्जन गोली कांड एवं 29 अक्टूबर को थानों मे आगजनी की घटनाओं राष्ट्रीय सुर्खियां बनीं । मामलों पर गौर करें तो दर्ज मामलों की संख्या 17 है ।15 मामलों का अनुसंधान मुंगेर पुलिस कर रहीं है। तो 2 मामलों का अनुसंधान सीआईडी टीम पिछले तीन माह से कर रही है । जिसमें एक मामले उग्र भीड़ के द्वारा पुलिस पर गोलीबारी तथा गोलीबारी में जख्मी को लेकर तत्कालीन मुफस्सिल थानाध्यक्ष ब्रजेश कुमार सिंह के वयान पर कोतवाली कांड संख्या 298/20 दर्ज हुई थी ।
वहीं ,दुसरे मामले मृतक अनुराग के पिता अमरनाथ पोद्दार के वयान पर अज्ञात अभियुक्त के विरूद्ध में कोतवाली कांड संख्या 311/20 दर्ज हुई थी । जिसमें 17 मार्च 2021 को सीआईडी के एसपी के आदेश पर आरोपी तत्कालीन वासुदेवपुर ओपी अध्यक्ष सुशील कुमार को कांड में अप्राथमिक अभियुक्त बनाया गया है। लेकिन ,दो माह बाद भी सीआईडी के एसआईटी ने अब तक आरोपी पुलिस पदाधिकारीको गिरफ्तार नहीं कर सकी है। इस घटना में लापरवाही को लेकर चुनाव आयोग ने 29अक्टूबर 2020 को तत्कालीन एसपी लिपि सिंह को मुंगेर से हटा कर मानवजीत सिंह ढिल्लों को मुंगेर का एसपी बनाया था ।फिर तत्कालीन मुंगेर डीआईजी मनु महाराज ने सभी मामलों का त्वरित जांच हेतू एसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों के अगुवाई में एसआईटी टीम का गठन किया था ।लेकिन ,एसआईटी टीम एफआईआर में दम तोड़ दी। जिस वजह से साक्ष्य प्रभावित हुआ। सीआइडी टीम ने अनुसंधान के दौरान मुंगेर पुलिस की कई अनियमितता को चिन्हित की एवं हाईकोर्ट को जानकारी दी कि तत्कालीन एसपी मानवजीत सिहं ढिल्लों घटनाओं के जांच एवं साक्ष्य इकट्ठा करनें में लापरवाह रहें है।जिसके बाद माननीय हाईकोर्ट के आदेश पर एसपी मानवजीत सिहं को 13 अप्रैल 2021 को मुंगेर से हटाया गया ।