डॉ शशि कांत सुमनमुंगेर। धरहरा प्रखंड में सड़कों के निर्माण में सरकार ने अरबों रुपये व्यय की है। लेकिन सड़क निर्माण हुई अनियमितताओं व लूट-खसोट के कारण सड़क निर्माण के बावजूद भी ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। धरहरा प्रखंड के दशरथपुर-भलार बायपास पथ का निर्माण ग्रामीण कार्य विभाग के द्वारा 2करोड़ 59 लाख रुपये की लागत से निर्माण कराया गया। लेकिन सड़क के निर्माण में विभागीय अधिकारियों के सांठ-गांठ से संवेदक के द्वारा घोर अनियमिताएं बरतने के कारण सड़क का टूटना जारी हो गया था। वर्तमान में सड़क जर्जर हो गया है। ग्रामीणों ने दर्जनों बार विभागीय अधिकारी को पत्र लिखकर सड़क के मेंटेनेंस का गुहार लगाने के बावजूद भी इस सड़क का संवेदक के द्वारा एक बार भी मरम्मत नहीं किया गया। फलतः सड़क में जगह-जगह टूटने के साथ ही बड़े-बड़े गड्ढे भी हो गया है। हल्की बारिश में भी यह सड़क कीचड़मय हो जाता है। जिसपर राहगीरों का चलना मुश्किल हो जाता है। इस मार्ग का पुल ध्वस्त होने के बाद पूर्व ग्रामीण कार्य मंत्री शैलेश कुमार ने कार्यपालक अभियंता को सड़क को अविलंब मरम्मत कराने का निर्देश दिया। इसके बावजूद अब तक विभाग के अधिकारियों व संवेदक के कानों पर जूं नहीं रेंग रहा है। भलार गांव की आबादी 3000 के करीब है। यह गांव सवर्ण महादलित , पिछड़ी जाति बाहुल्य इलाका है। यहां के ग्रामीणों को जमालपुर-धरहरा मुख्यमार्ग व साफ़ियासराय लाल खां चौक-भलार मुख्यमार्ग कीचड़युक्त सड़क के सहारे आना जाना करते है। सड़क जर्जर होने के कारण के इस गांव में एम्बुलेंस तक आने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। सड़क जर्जर होने के कारण आये दिन इस मार्ग में वाहनों का फंसना व दुर्घटना होना आमबात हो गई है। दर्जनों ग्रामीणों ने ग्रामीण कार्य मंत्री जयंत सिन्हा, डीएम नवीन कुमार से सड़क का निर्माण कराये जाने की मांग की है।