डॉ शशि कांत सुमन

मुंगेर। कहावत है कि हौंसले यदि बुलंद हो तो बड़ी-बड़ी विपत्तियों का सामना किया जा सकता है। इसी कहावत को चरितार्थ करते हुए धरहरा प्रखंड में पदस्थापित मनरेगा के कार्यक्रम पदाधिकारी रामानुज कुमार ने सच कर दिखाया है। वैश्विक महामारी कोरोना की चपेट में मनरेगा के प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी रामानुज कुमार आये गए थे। इन्होंने कोविड19 के गाइडलाइन के साथ होम क्वारणटाइन होते हुए न अपनी बल्कि अपने पूरे परिवार को कोरोना से बचा लिया। उन्होंने बताया कि कोरोना की बीमारी के दौरान ऐसा भी समय आया कि मेरी जान निकल जाएगी। लेकिन मैंने हिम्मत नहीं हारा और अपने साथ ही परिवार को भी हौसला देते हुए जान बचाने का काम किया हूं। पहली लहर में प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी रामानुज कुमार अपने कर्तव्यों को भलीभांति निभाने का काम किया। दूसरी लहर में लोगो को कोविड-19 का पालन कराने के क्रम में कोरोना की चपेट में आये गए थे। कोरोना को मात देने के बाद एक बार तरोताजा होकर प्रखंड में मनरेगा के कार्यो को तीव्र गति करने के लिए काम जुट गए है। लॉकडाउन के दौरान बेरोजगार हुए युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार देने के लिए जुट गए है। प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी रामानुज कुमार ने बताया कि विकास कार्यो को धरातल उतारने के साथ ही मजदूरों को रोजगार दिलाना बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। कार्यालय खुलने के बाद सभी अधूरे कार्यो को पूर्ण करने के लिए काम शुरू कर दिया गया है। कोरोना के समय ऑक्सीजन की कमी लोगों को झकझोर रख दिया। इसके लिए हम सभी कहीं न कहीं से जिम्मेवार है। हरे भरे वृक्षों को काटते गए आज पर्यावरण दूषित होने की बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है। इसी मानव जीवन को भविष्य में उज्जवल बनाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जल जीवन हरियाली जैसी महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत की है। उन्होंने ने बताया कि ग्रामीण विकास विभाग व जिला पदाधिकारी के द्वारा प्रत्येक पंचायत में 24 सौ पौधे लगाने का लक्ष्य दिया गया है। धरहरा प्रखंड में कुल 32 हजार 200 पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित है। प्रखंड में तेरह पंचायत जिसमे बाहाचौकी, हेमजापुर, शिवकुण्ड, धरहरा महरना, धरहरा दक्षिण पंचायत बाढ़ प्रभावित पंचायत है। बाकी बचे आठ पंचायतों सारोबाग, माताडीह, इटवा, अमारी, बंगलवा, ओड़ाबगीचा, महगामा, अजीमगंज पंचायतों में पौधरोपण किया जाएगा। लक्ष्य की शत प्रतिशत प्राप्ति के लिए कार्य जोर शोर से शुरू कर दिया गया है। वर्तमान 18 हजार पौधारोपण का रूप रेखा तैयार कर लिया गया है। बाकी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए लघु सीमांत किसानों को पौधारोपण के लिए जागरूक किया जा रहा है। लघु सीमांत किसान अपने निजी जमीन पर पौधारोपण कार्य करा सकते है। ऐसे किसानों को 5 एकड़ से अधिक जमीन नहीं होना चाहिए। मनरेगा के वैसे किसानों को मुफ्त पौधा के साथ पटवन के लिए चापाकल देने के लिए पौधा की देखभाल के लिए प्रत्येक 16 सौ रुपये दिया जाएगा। किसानों को सिर्फ आधार कार्ड, बैंक पासबुक की छायाप्रति के साथ ही जमीन का कागजात देना होगा। उन्होंने प्रखंड के किसानों से इस योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाने की अपील की है।