डॉ शशि कांत सुमन

मुंगेर। मुंगेर दुर्गा विसर्जन के दौरान श्रद्धालु अनुराग पोद्दार के हत्या के आरोपित पुलिस पदाधिकारी सुशील कुमार को सीआइडी के विशेष टीम अब तक गिरफ्तार नहीं कर पाई है । जबकि वे मुंगेर जिला में ही पदस्थापित थें । वहीं सीआइडी टीम ने दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान तैनात सीआइएसएफ के एक जवान की 5.56 एमएम की सरकारी इंसास राइफल संख्या 16517836 बिहार पुलिस मुख्यालय पटना में जब्त की है । गौरतलब हो कि आंध्र प्रदेश का रहने वाले सीआइएसएफ के जवान मनम गंगैया ने विभागीय जांच मे दुर्गा विर्सजन जुलूस में हुए भगदड़ से उत्पन्न रोडेवाजी के क्रम में पुलिस के द्धारा भीड़ पर सर्वप्रथम फायरिंग के बाद खुद के द्वारा आत्मरक्षार्थ आसमानी फायरिंग की बात कहकर मुंगेर पुलिस की नींद उड़ाई थी।
जब्त राइफल को पटना में फोरेंसिक जांच में भेजने के लिए सीआइडी विशेष टीम के डीएसपी प्रमोद कुमार राय ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में प्रतिवेदन दी है। जिसे प्रभारी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अखिलेश पांडेय ने स्वीकार किया ।
पिस्टल सहित फरार चल रहें तत्कालीन मुफस्सिल थानाध्यक्ष ब्रजेश कुमार तक जल्द पुहंचने की बात सीआइडी के एडीजे ने पिछले माह हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान कहीं थी ।लेकिन सीआइडी टीम ने अब तक नामजद अभियुक्त को गिरफ्तार नही कर पाई है । जबकि मुकदमा में अगली सुनवायी 25 जुन 2021 को निर्धारित है। गौरतलब हो कि तत्कालीन पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह ने मुंगेर गोली कांड के मामले में आनन -फानन में पुलिस को क्लीन चीट देते हुए इसे आपराधिक घटनाओं बताई थी । लेकिन घटना के बाद सीआइएसएफ की आतंरिक रिपोर्ट ने खलबली मचा दी । विभागीय जांच के दौरान दुर्गा पुजा विर्सजन के दौरान दीनदयाल चौक पर ड्यूटी पर तैनात सीआइएसएफ के जवान मनम गंगैया ने अपने स्वीकृति वयान में बताया कि दुर्गा भक्तों के द्वारा पुलिस पर पथराव करने के बाद मुंगेर पुलिस ने पहले भीड़ पर फायरिंग किया । जिसके बाद मैंने आत्मरक्षार्थ 13 राउंड गोली आसमानी फायर की थी। इस गोली कांड में कई लोग गोली से जख्मी हुआ था । वहीं गोली लगने से अनुराग पोद्दार की मौत हुई थी । हत्या से जुड़े दो मामलों कोतवाली कांड संख्या 298/20 एवं 311/20 की जांच सीआइडी टीम कर रही है । उन्होंने दोनों मामलों में राइफल की फोरेंसिक जांच के कोर्ट में प्रतिवेदन दिया , जिसे कोर्ट ने स्वीकृति किया ।