बेल्थरा रोड से कहकशाँ परवीन की रिर्पोट

बेल्थरा रोड बालिया / नारी सशक्तिकरण पर अगर बात की जाय तो कोई जरूरी नही है की सामाजिक क्षेत्र या सरकारी क्षेत्र मे काम करने वाली महिलाए ही मिसाल की पात्र हो। जिन महिलाओ ने अपने माता पिता को पुत्र की कमी महसूस नही होने दिया और पुत्र की तरह माता पिता की सेवा किया वह महिला भी नारी सशक्तिकरण की मिसाल है । बेल्थरा रोड के रहने वाले भूतपूर्व सैनिक अरुण श्रीवस्तव और उनकी पत्नी श्रीमती सरोजनी श्रीवस्तव जो रिटायर्ड टीचर है उनकी  चार बेटिया है चारों का विवाह हो चुका इन बेटियो को वह पुत्र के समान मानती है । पति पत्नी बेल्थरा रोड मे अकेले रहते है इन बेटियो को अपने माता पिता की 50 मैरिज एनिवर्सरी की याद आयी और जो जहाँ था वह बेल्थरा रोड की तरफ निकल दिया ऐसे मौके पर अपनी मम्मी पापा को अकेले छोड़ना नही चाहती थी साथ मे पुत्र के समान दमादो ने भी बढचड कर हिस्सा लिया । बच्चों ने नाना की शादी का डेमो भी देखा और खुश होकर बच्चो ने गाना गया नाना का सेहरा सुहाना लगता है । नाना ने भी बच्चो को गले लगा आशीर्वाद दीया मस्ती के इस महौल मे 50वी मैरिज एनिवर्सरी का कार्यक्रम संपन्न हुआ कोरोना कॉल में इस कार्यक्रम को करके जहां माता पिता की इम्यूनिटी पावर को बढ़ाया वही इन बेटियो ने यह संदेश दिया की बेटी और बेटे में कोई फर्क नहीं होता स्टोरी लिखने का सिर्फ इतना ही मकसद है की आज के परिवेश में अपने माता पिता को अकेला न छोड़ें उन्हें भी आप की जरूरत है।