मऊ / राम बचन सिंह राजकीय महिला महाविद्यालय बगली पिजड़ा मऊ में आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के पावन अवसर पर बौद्धिक गोष्ठी का आयोजन किया गया । जिसमें महिला सुरक्षा, स्वावलंबन एवं सशक्तिकरण पर विचार विमर्श किया गया । इस कार्यक्रम में महाविद्यालय की छात्राओं ने बड़े उत्साह के साथ प्रतिभाग करते हुए समाज में महिलाओं के साथ किए जा रहे दोहरे मानदंड और भेदभाव पर कड़ा प्रहार किया और कहां जो सामर्थ्य ईश्वर ने पुरुषों को प्रदान किया है वही सामर्थ्य स्त्रियों को भी दिया है फिर हम कैसे किसी काम में पीछे रह सकते हैं । लेकिन पुरुषवादी समाज के द्वारा महिलाओं को नीचा दिखाने और उनको कम सामर्थ्य वाला साबित करने की जो कोशिश की जाती है, उसको जड़ से उखाड़ फेंकने की आवश्यकता है और इसके लिए महिलाओं को ही सबसे अधिक जागरूक होना होगा । ताकि घर में ही बेटा-बेटी और ननद-भौजाई में कोई भेद न किया जा सके । इस अवसर पर डॉ. दीपक पाराशर ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा की समाज की उन्नति में महिलाओं की सर्वाधिक भूमिका होती है । यदि वह घरेलू कार्य करती हैं तो उन्हें छोटा नहीं मानना चाहिए साथ ही सशक्त होने के साथ-साथ हमें अपने संस्कारों को भी नहीं भूलना चाहिए । डॉ. छविनाथ प्रसाद ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए वैदिक काल से लेकर आज तक की महिलाओं की स्थिति और भविष्य पर प्रकाश डाला । इस कार्यक्रम में सारिका सिंह, शालू सिंह, उजाला गुप्ता, नंदिनी सिंह, आकांक्षा चौहान, शोभा चौहान, सुधा गुप्ता, प्रिया चौरसिया, सपना आदि अनेक छात्राओं ने विविध समस्याओं और उनके निराकरण पर प्रकाश डाला । समस्त कार्यक्रम का संचालन डॉ. अवनीन्द्र कुमार पाण्डेय ने किया । इस अवसर पर चंद्रदीप यादव और अमन मौर्य उपस्थित रहे ।