बस्ती(उत्तरप्रदेश ) भाकियु के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने पूर्वांचल के बस्ती जिले के मुण्डेरवा से किसान महापंचायत की शुरूआत की, उन्होंने कहा की यहां पर भी परिवार के लोग है आकर अच्छा लगा, उन्होंने कहा की किसान पंचायतों से सरकार को झुकाने का हमारा कोई उद्येश नहीं है, देश के प्रधानमंत्री किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं कर सकते तो किसान कहां जाएंगे, उन्होंने जो वादा किए हैं किसानों की रक्षा करने का, फसलों का डेढ गुना दाम देना का तो वो वादे कहां हैं, हम तो प्रधानमंत्री के उन वादों को पूछने आ रहे हैं की वो वादे कहां हैं, उन्होंने राजनाथ सिंह की तारीफ की और कहा की वो किसानों के हितैसी हैं, टिकैत साहब के जमाने से ही वो प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री रहे, उन के मन में किसानों के लिए कुछ न कुछ पीडा है, एक बुजुर्ग नेता हैं, उन के ऊपर जो दबाव है अगर उन को आजादी दी जाए तो हमें उम्मीद है मामला निपट जाएगा, उन्हें हालात का पता है लेकिन मोदी जी और अमित शाह जी को हालात का पता नहीं है, हम चाहते हैं कोई भी आगे आए बातचात करे, ये आंदोलन बड़ा होतो जा रहा है, भीड़ बढ़ती जा रही है, पूरे देश का आंदोलन हो गया
उन्होंने भाजपा के नेताओं को भी संदेश दिया और कहा की उन का गांव-गांव में ज्यादा विरोध हो रहा है गांव में जाना बंद करें, इस तरह की बात न करें की कहीं कोई अप्रिय घटना घट जाए तो उस का जिम्मेदार कौन होगा, लोगों में गुस्सा है, हमें सोंचने का कोई मौका नहीं मिल रहा हम तो आंदोलन में उलझे हैं, किसानों का क्या होगा, किसानों के मान सम्मान की बात है, किसानों के जीवन यापन की बात है, किसानों की जमीन बचाने की बात है, ये लड़ाई सच्चाई की लड़ाई है धर्म युद्ध है, इस में किसकी जीत हो किसकी हार हो, एक तरफ किसान हैं, एक तरफ हठधर्मी राजा है, हठधर्मी राजा को प्रजा के लिए ऐसा नहीं सोंचना चाहिए, अगर सरकार के सामने कुछ मजबूरी है तो हमें बताए, हम देश के विरोध में नहीं हैं, प्रधानमंत्री का सर हम नहीं झुकाते, लेकिन प्रधानमंत्री किसानों का सिर नीचा क्यों कर रहे हैं।