पटना। बिहार में सत्ता पलटने की हवा के बीच जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने केंद्रीय मंत्रिमंडल में जदयू के शामिल होने की बात सार्वजनिक कर बिहार के सियासी पारा चरम पर पहुंचा दिया है। एनडीए गठबंधन के शामिल हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी व भाजपा के बीच बयानबाजी के बीच वीआईपी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी के द्वारा अपने ही सरकार को 19 लाख रोजगार का वादा को पूरा करने के साथ ही विधायक कोष की राशि वापस की मांग के साथ ही राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से फोन पर बातचीत ने बिहार की राजनीति में उलट-पुलट की चर्चा जोर शोर से शुरू हो गई थी। इसी बीच राजद, भाजपा, हम और वीआइपी की ओर से आ रहे बयानों के बीच जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने केंद्रीय मंत्रिमंडल में जदयू की भागीदारी दिए जाने की बात कर विपक्षी के सारे कयासों पर विराम लगा दी है। एनडीए) का हिस्सा जनता जदयू अब केंद्रीय मंत्रिमंडल में स्थान चाहता है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने इसको लेकर बयान दिया है। पत्रकारों से बात करते हुए आरसीपी ने एनडीए के साथियों को सम्मान करते हुए मंत्रिमंडल में स्थान मांगा है।
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि हमें पता चला है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि एनडीए का हिस्सा जदयू भी है। ऐसे में मंत्रिमंडल के विस्तार में जदयू को भी तरजीह मिलनी चाहिए। आरसीपी सिंह ने कहा कि गठबंधन के साथियों को सम्मान मिलना चाहिए। आरसीपी के बयान से देश से लेकर बिहार की राजनीति को नई हवा मिल गई है। जदयू किसे केंद्र में भेजना चाहता है यह तो साफ नहीं है, लेकिन सुगबुगाहट तेज हो गई है।
एनडीए में हैं जदयू के 16 सांसद
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चा चल रही है। अनुमान लगाया जा रहा है कि नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में बदलाव संभव है। ऐसे में बिहार से जदयू ने भी अपनी हिस्सेदारी जाहिर कर दी है। अभी एनडीए गठबंधन में जदयू के 16 सांसद हैं। पिछली बार कैबिनेट विस्तार के समय जदयू के शामिल होने की चर्चा थी मगर अंत में बात नहीं बनी। कहा जाता है कि उस समय आरसीपी सिंह के मंत्री बनने की बात थी, मगर ऐसा नहीं हुआ। इस बार जदयू को मंत्रिमंडल तीन सीटे मिलने की संभावना है। मंत्रिमंडल में यदि तीन सीटें मिलती है तो जदयू के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सह मुंगेर के सांसद राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह, संतोष कुशवाहा को मंत्रिमंडल में स्थान मिलने की संभावना राजनीतियों गलियारों में चल रही है। वहीं बीजेपी से पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के साथ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार जायसवाल को मंत्रिमंडल स्थान मिल सकती है।
बीजेपीऔर मांझी की पार्टी कर रही कटाक्ष
ऐसे बिहार एनडीए में अभी सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। गठबंधन के साथी बीजेपी और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) इशारों-इशारों में एक दूसरे पर कटाक्ष कर रहे हैं। शुक्रवार को हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी की राजद विधायक तेजप्रताप यादव से मुलाकात हुई थी। बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री व लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप ने कहा था कि अगर मांझी महागठबंधन में आना चाहें तो उनका स्वागत है। वहीं मांझी ने गठबंधन से बाहर होने की सभी अटकलों को विराम लगा दिया था।
मंत्रिमंडल में शामिल होकर जातीय समीकरण को साधेंगे जदयू
सत्ता परिवर्तन की चर्चा के बीच जदयू ने मंत्रिमंडल शामिल होने के बात कहकर जदयू संगठन अपने पारंपरिक वोटों को भी एकत्रित करने जुट गई है। मंत्रिमंडल में शामिल होने की बात कहकर एक तीर से दो निशाने साधने का काम किया है। सत्ता के गलियारों में एनडीए गठबंधन की टूट की दरकिनार करते हुए जदयू यह मैसेज देने का काम किया है। बिहार में एनडीए के सभी साथी एकजुट है। दूसरी ओर मंत्रिमंडल में राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह को स्थान देकर भूमिहार जाति को एकजुट करने में मदद मिलेगी। भूमिहार समाज के सांसद ललन सिंह कदेवार नेता माने जाते है। वहीं संतोष कुशवाहा को मंत्रिमंडल में पहुंचाकर बिखड़े कुश समाज को एकजुट करने की रणनीति के साथ जदयू में हाल में शामिल नीतीश के समय निकटतम सहयोगी रहे रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे उपेंद्र कुशवाहा को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी देने की चर्चा भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहयोगियों के बीच हो रही है। चर्चा यह भी है कि उपेंद्र कुशवाहा को जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाकर एकबार भी लवकुश समाज को एकजुट करने की जिम्मेदारी दी जा सकती है। इसलिए उपेंद्र कुशवाहा को मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिल सकता है। वहीं जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह को मंत्रिमंडल में भेजकर नीतीश कुमार लव समाज को एकजुट करने की चाल चल दी है।