पहली किस्त

बलिया /एक तरफ भाजपा व योगी सरकार गो-वध को लेकर काफी गंभीर है वहीं दूसरी तरफ उभांव सीमा पर गोवध के लिए गोवंशियों से भरा ट्रक आसानी से देवरिया की सीमा में प्रवेश कर बिहार को भेजा जाना सरकार की मंशा पर कड़ा प्रहार है। उभांव थाने पर तैनात एक सिपाही के गोवंश की तस्करी मामले में देवरिया जिले के मईल थाना पुलिस द्वारा गिरफ्तारी के बाद उभांव थाना भी संदेह के घेरे में आ गया है। गो तस्करों द्वारा आसानी से उभांव की सीमा पार करना वहां की कारगुजारियों का ही बयान करता है। आखिर एक सिपाही बिना थाने की संलिप्तता से इतनी आसानी से कैसे गोवंशियों से भरी ट्रक थाना सीमा से बाहर ले जाने में सफल रहा जबकी उस रास्ते पर थाना के अलावा तुर्तीपार चेकपोस्ट से उसे गुजरना पड़ता हो। गो तस्करी में मईल पुलिस द्वारा अन्य तस्करों के साथ गिरफ्तार सिपाही जिसे एक महिला से वसूली के मामले में लाइन हाजिर बताया जा रहा है, वह जिले पर मोबाइल ड्यूटी के बाद उभांव थाना पर रह रहा था। किसी भी वाहन को थाना क्षेत्र की सीमा पार करने के पहले थाना भवन व तुर्तीपार के पुलिस चेकपोस्ट से होकर गुजरना पड़ता है। ऐसे में उभांव थाना पुलिस के बिना संलिप्तता के गोवंशियों से भरे दो वाहनों का आसानी से सीमा पार कर जाना किसी के गले नहीं उतर रहा है। फिलहाल देखना है कि क्या सचमुच गो तस्करी के मामले में पुलिस प्रशासन गंभीर है या फ़िर इसके लिए किसी और को बलि का बकरा बनना पड़ता है। फिलहाल पुलिस अधीक्षक ने मामले को संज्ञान में लेते हुए गोवंश तस्करी के मामले में देवरिया जिले के मईल थाना पुलिस द्वारा गिरफ्तारी के बाद पुलिस अधीक्षक द्वारा मंगलवार को ड्यूटी में लापरवाही के मामले में उभांव थाना पर तैनात पांच सिपाहियों दीनानाथ यादव, रामाश्रय यादव, गांधी यादव, रणजीत यादव और हरिओम साहनी को लाइन हाजिर कर दिया गया। लापरवाही के मामले में उक्त सिपाहियों के लाइन हाजिर होने को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है ।