डॉ शशि कांत सुमन
मुंगेर। डीएसपी सदर के निगरानी में गठित टीम थानों में आगजनी एवं लूटपाट के मामलों में नामजद अभियुक्तों को गिरफ्तार नहीं कर पा रही है । वहीं बुधवार को दुर्गा विर्सजन कांड में दुर्गा भक्त सह कोतवाली कांड 297/20 के अभियुक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में आत्मसमर्पण किया ।
प्रभारी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अखिलेश पांडेय ने तीनों अभियुक्तों के जमानत आवेदन पर अभियोजन एवं बचाव पक्ष के वरीय अधिवक्ता रंजीत सिंह की दलील सुनने के बाद तीनों अभियुक्तों की जमानत आवेदन स्वीकार किया । गौरतलब हो कि मुंगेर विर्सजन गोली कांड के दौरान तत्कालीन कोतवाली थानाध्यक्ष संतोष कुमार सिंह के व्यान पर सर्वप्रथम कोतवाली थाना में प्राथमिकी कांड संख्या 297/20 दर्ज हुई थी । जिसमें उन्होंने 13 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया एवं 200 अज्ञात अभियुक्त की बात कही है । दर्ज नामजद में बड़ी दुर्गा पुजा समिति के पदाधिकारियोंएवं सदस्यों का नाम है । अभियुक्तों के द्वारा पुलिस पर जान मारने के नीयत से हमला करने का आरोप लगाया था एवं कई पुलिस कर्मी को जख्मी होने की बात कहीं थी । वहीं दुर्गा विसर्जन गोली कांड प्रकरण में सीआइडी टीम के द्वारा जांच में लापरवाही को लेकर हाईकोर्ट के आदेश पर कोतवाली थानाध्यक्ष संतोष कुमार सिंह का जिला से स्थानांतरण हो चुका है ।
जख्म रिपोर्ट ने पुलिस के द्वारा झूठे केस के राज को खोल दिया ।अभियोजन पक्ष ने जमानत का विरोध करते हुए न्यायालय में दो सिपाही विक्रम कुमार एवं अमन कुमार का जख्मी होने की बात कही ।
वहीं जख्म प्रतिवेदन पर चिकित्सा पदाधिकारी ने रिपोर्ट की थी । दोनों सिपाही को ना तो उपरी जख्म है ना ही आंतरिक जख्म। वरीय अधिवक्ता रंजीत सिंह ने बताया कि पुलिस ने दुर्गा भक्तों के विरुद्ध बेबुनियाद ढंग से प्राथमिकी दर्ज की है । बड़ी दुर्गा पुजा समिति के अध्यक्ष दीपक वर्मा, कोषाध्यक्ष सुशील कुमार साह एवं उप मंत्री रतन शर्मा को कोर्ट ने बेल दे दिया। बड़ी दुर्गा पुजा समिति के अध्यक्ष दीपक वर्मा ने जमानत मिलने के बाद बताया की मां दुर्गा की महिमा अपरम्पार है वे सब की भला करती है।