मृत्युंजय विशारद की रिपोर्ट,

देवरिया,20 जून।
दुल्हा जहाँ लग्जरी वाहनो से बारात लेकर निकलता है,वहीं आज उत्तर प्रदेश के देवरिया में एक बारात पुरानी परम्परा का निर्वहन करते हुए बैलगाड़ी से बारात निकली,वहीं दुल्हा लग्जरी वाहन से परहेज करते हुए डोली में बैठकर पुरानी परम्परा की याद ताजा कर दी[videopack id=”9758″]https://newsamacharplus.com/wp-content/uploads/2021/06/VID-20210620-WA0067.mp4[/videopack]
रविवार को विकास खंड रामपुर कारखाना गांव के कुशहरी के रहने वाले छोटेलाल पाल धनगर मुम्बई फिल्म इंडस्ट्री में आर्ट डिपार्टमेंट में काम करते है और उनका विवाह पकड़ी बाजार के पास बरडीहा दल गांव निवासी रामानंद पाल की पुत्री सरिता के साथ तय हुई थी और लग्न मुहुर्त के हिसाब से[videopack id=”9759″]https://newsamacharplus.com/wp-content/uploads/2021/06/VID-20210620-WA0066.mp4[/videopack]
छोटेलाल एक दर्जन बैलगाड़ियों को बकायदे पीले रंग के कपड़ों से सजाकर बारातियों को लेकर पहुंचे।
छोटेलाल डोली में सवार होकर चार कहारों के सहारे शादी करने लिए पहुंचे। इस बारात को देखकर लोगों में कौतूहल देखा जा रहा था और यह बारात लोगों[videopack id=”9760″]https://newsamacharplus.com/wp-content/uploads/2021/06/VID-20210620-WA0065.mp4[/videopack]
को इस जमाने में किसी अचम्भे से कम नहीं थी और यह लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है।लोगों का कहना है कि जहां आज बारात ले जाने में तमाम लोग बैंड बाजे,लग्जरी गाड़ी और दुल्हे के लिए बग्गी ले जाते हैं,वहीं यह बारात आधुनिक होते समाज बैलगाड़ी ले जाना कौतूहल का विषय बन गया है।[videopack id=”9761″]https://newsamacharplus.com/wp-content/uploads/2021/06/VID-20210621-WA0027.mp4[/videopack]
दुल्हा छोटेलाल ने कहा कि हम अपनी परम्परा को जिन्दा रखते हुए नई को पीढ़ी को अवगत कराने का प्रयास किया हूं कि अपनी पुरानी परम्परा को जीवित रखने का भी प्रयास करना चाहिए ।