*जांच केंद्रों, टीकाकरण बूथों और अस्पतालों में कोविड प्रोटोकॉल का रखें खास ख्याल*

दो गज की दूरी, डबल मॉस्क, हाथों की सफाई के साथ घर लौटने पर भी रखनी है सतर्कता

84 दिन बाद ही कोविडशील्ड टीके की दूसरी डोज लगवाएं, गर्भवती को नहीं लगेगा टीका

कोविड निगेटिव रिपोर्ट आ जाने के एक माह बाद डॉक्टर की सलाह पर लें टीके की डोज

*गोरखपुर, 19 मई 2021*

कोविड जांच केंद्रों, टीकाकरण बूथ और अस्पतालों में कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करना होगा। इन स्थानों पर वायरस की जद में आने की आशंका ज्यादा होती है, इसलिए सतर्कता भी अधिक रखनी होगी। यह कहना है जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी (डीएचईआईओ) के.एन. बरनवाल का । उन्होंने बताया कि ऐसे स्थानों पर दो गज की दूरी, डबल मॉस्क के इस्तेमाल, हाथों की स्वच्छता जैसे नियमों को अपनाने के अलावा घर लौटने पर भी कई नियमों का पालन करना जरूरी है। उन्होंने यह भी बताया कि कोविडशील्ड टीके की दूसरी डोज 84 दिन बाद ही लगेगी। गर्भवती का टीकाकरण अभी नहीं होना है। कोविड निगेटिव रिपोर्ट आ जाने के एक माह बाद स्वस्थ रहने पर डॉक्टर की सलाह पर कोविड का टीका लगवाया जा सकता है।

जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी ने बताया कि इन दिनों कोविड जांच केंद्रों, टीकाकरण केंद्रों, अस्पतालों और मेडिकल स्टोर पर लोगों की भीड़भाड़ ज्यादा है। आवश्यक सेवा के तहत आने के कारण इन स्थानों पर जाना लोगों की विवशता भी है । ऐसे में भीड़भाड़ के बीच लोगों को कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करना होगा अन्यथा कोरोना होने का खतरा है। अगर लोग इन स्थानों पर जा रहे हैं तो फेसशील्ड या चश्मे का प्रयोग और हेडकैप या सिर पर रूमाल बांधना भी न भूलें। मॉस्क, स्वच्छता के साथ दो गज की दूरी के नियम का तो बेहद कड़ाई से पालन करें।

उन्होंने बताया कि ऐसे स्थानों पर जाने वाले लोगों को घर वापस लौटने के बाद फेसशील्ड को सेनेटाइज करना है जबकि रूमाल और सारे कपड़े को तुरंत धुलना है। सर्जिकल मॉस्क 48 घंटे के लिए किसी कागज में लपेट कर रखना है और फिर कूड़ेदान में डालना है। कपड़े का मॉस्क तुरंत धुलना है। लोग वापस लौटने के बाद पर्स, मोबाइल, चाभी आदि को भी सेनेटाइज कर लें। इन स्थानों पर कलाई घड़ी, कड़ा, अंगूठी, ज्वैलरी आदि पहन कर न जाएं और अगर पहना है तो घर आने के बाद उन्हें भी सेनेटाइज करें। घर लौटने के बाद परिवार के किसी भी सदस्य के संपर्क में तब तक न आएं जब तक कि इन नियमों का पूरी तरह से पालन न कर लें।

डीएचईआईओ ने बताया कि स्तनपान कराने वाली उन्हीं महिलाओं को कोविड का टीका लगाया जा सकता है जिनके बच्चों की उम्र छह महीने से ज्यादा हो चुकी है। अन्य महिलाओं को टीका नहीं लगेगा। गर्भवती के टीकाकरण के संबंध में कोई दिशा-निर्देश नहीं है। टीके की दोनों डोज लेने के बाद भी कोविड नियमों का सख्ती से पालन करना है ताकि बीमारी की चेन समाप्त हो जाए। टीका लगने के बावजूद असावधानी बरतने पर कोविड से बीमार हो सकते हैं। टीका तभी लगवाएं जब स्वस्थ हों।