मथुरा
✍️रिपोर्ट सत्येंद्र यादव

🔴मथुरा/गोवर्धन- यूपी में आमतौर पर यूपी पुलिस राज्य में अपराध पर लगाम लगाने को लेकर बड़े-बड़े दावे करती है। जुआरी, कच्ची-पक्की अवैध शराब पकड़ने से लेकर गांजा, भांग, चोर पकड़ने तक मथुरा पुलिस अपनी पीठ थपथपा सराहनीय कार्य के रूप में अखबारों में चस्पा कराने से पीछे नहीं रहती है लेकिन जैसे ही मामला गैंगस्टर, हिस्ट्रीशीटर, माफिया, भूमाफिया जोकि सत्ताधारियों से जुड़े लोग अथवा उनके परिजनों हों तो फिर मामला यूपी पुलिस के लिए थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो जाता है तभी तो आम लोगों और दबंग व प्रभावशाली गुंडे-माफिया जैसे अपराधियों से जुड़े अभियुक्तों को लेकर सलेक्टिव पुलिस कार्यशैली की पोल सबके सामने खुल जाती है।
इसी कड़ी को आगे बढाते हुए गोवर्धन पुलिस के कानून रूपी लंबे हाथ अपने ही शहीद उपनिरीक्षक/दरोगा रामकिशन यादव की हत्या के 56 दिन बीत जाने के बाद भी हत्यारों की गर्दनों तक नहीं पहुंच पाए हैं जिसमें दरोगा को अपने पिता की तेज रफ्तार गाड़ी से मौत के घाट उतार देने वाला बेटा अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है बल्कि गाड़ी मालिक सहित एक अभियुक्त भी फरार है। वहीं, दूसरी तरफ ऑन ड्यूटी दरोगा को अपनी तेज रफ्तार कार से उड़ाकर हत्या को अंजाम देने वाले असल अभियुक्त ध्रुव उपाध्याय को पुलिस की कठोर कार्यवाही से बचाने हेतु हरसंभव प्रयास उसके कथित सत्ताधारी परिजनों द्वारा नीचे से ऊपर तक किए जा रहे हैं।आपको बता दें कि 1 जनवरी 2022 को जनपद के कस्बा गोवर्धन में सत्ता व शराब के नशे में धुत होकर नए साल की शुरुआत होने के करीब पौन घण्टे बाद आधी रात समय करीब 12:45 बजे ही कस्बे के ही तेज रफ्तार कार में सवार ध्रुव उपाध्याय एवं उसके साथी पांच-छह युवकों द्वारा पुलिस बैरियर समेत पुलिस जीप व पुलिस उपनिरीक्षक रामकिशन यादव निवासी एटा को टक्कर मारकर हत्या को अंजाम देकर गाड़ी को वहीं छोड़कर फरार हो गए, तभी से फरार हैं। उक्त मामले में थाना गोवर्धन पर तैनात हैड कांस्टेबल देवी सिंह की तहरीर पर मुकदमा अपराध संख्या 02/22 अंतर्गत धारा 304, 34, 186, 427 IPC में एक नामजद व चार-पांच अन्य अज्ञात के खिलाफ दर्ज कराया गया था जिसमें कहा गया था कि कार सवार सभी लोग चिल्लाते आ रहे थे कि बैरियर को टक्कर मारते हुए निकल जाना है और हाथ नहीं आना है’, जोकि अपने आप में एक साजिश को बयां करता है। खैर, गोवर्धन पुलिस ने मामले में कार्यवाही करते हुए नामजद अभियुक्त कान्हा पुत्र नरेंद्र एवं चन्दू उर्फ़ चन्द्रशेखर शर्मा पुत्र रोहित नि. गोवर्धन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। वहीं प्राप्त जानकारी के मुताबिक, गिरफ्तार अभियुक्तों की जमानत हाईकोर्ट से हो चुकी है।
वहीं, इस संबंध में थाना प्रभारी निरीक्षक गोवर्धन राजकमल सिंह ने बताया कि उक्त मामले में दो अभियुक्तों को पूर्व में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था व एक अभियुक्त ने सरेंडर कर दिया है, एक अभियुक्त की पहचान नहीं हो पाई है। बाकी दो वांटेड अभियुक्त गाड़ी मालिक दिलीप व उसके बेटे की गिरफ्तारी हेतु लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। उनका कहना है कि गोवर्धन पुलिस ने इस मामले में शुरू से ही सख्त कार्यवाही की है।अब देखना होगा कि आखिर खुद को अपराधियों का काल बताने वाली और हाईटेक होने का दावा करने वाली यूपी पुलिस कब तक सत्ताधारियों के दबाव/प्रभाव से बाहर निकलकर अपने साथी दरोगा के हत्यारोपी वांटेड अभियुक्तों को अपनी गिरफ्त में ले पाती है क्योंकि फिलहाल, उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के तीन चरणों के चुनाव बाकी हैं और जनपद में चुनाव सम्पन्न हो ही चुका है।अब बड़ा सवाल ये है कि ऐसे में गोवर्धन पुलिस को क्या सरकार बनने का इंतजार है ? क्योंकि, सरकार गठन के बाद वांटेड अभियुक्तों के प्रभावशाली परिजन, जोकि लगातार पुलिस आलाधिकारियों के साथ दिग्गज राजनेताओं को छप्पन भोग व ठाकुरजी की प्रतिमा भेंटकर जताने की कोशिश कर रहे हैं कि चाहे वर्तमान भाजपा सरकार बने अथवा सपा-रालोद गठबंधन सरकार बने, उनके दोनों पार्टियों के शीर्ष नेतृत्वधारी नेताओं में जान-पहचान है जिसका भरपूर फायदा उठाने की कोशिश करते हैं दबंग व प्रभावशाली फरार वांटेड अभियुक्त वर्तमान में गोवर्धन पुलिस की अपराधियों को लेकर शिथिल कार्यशैली का फायदा उठाकर मनमाफिक लाभ प्राप्त कर लेंगे क्या?