-उर्दू भाषा हमारी तहज़ीब का हिस्सा

-अहमदनगर चक्शा हुसैन में दीनी महफ़िल

गोरखपुर। अहमदनगर चक्शा हुसैन में शुक्रवार को दीनी महफ़िल सजी। क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत से महफ़िल का आगाज़ हुआ। हम्द, नात व मनकबत कारी आबिद अली निज़ामी व मौलाना शादाब अहमद रज़वी ने पेश की।

मुख्य वक्ता मुफ़्ती मोहम्मद अज़हर शम्सी ने कहा कि दिल को अल्लाह के ज़िक्र से ख़ाली नहीं रखना चाहिए। हम मुसलमान हैं। हमारा दीन इस्लाम है, यह हमारे लिए बड़े फख्र की बात है। दीन-ए-इस्लाम ने लोगों को मोहब्बत का पैग़ाम दिया है। दीन-ए-इस्लाम जोड़ता है, सबका भला चाहता है। मुसलमान अमन का पैरोकार है वो दुनिया में अमन चाहता है।

उन्होंने आगे कहा कि उर्दू भाषा हमारी तहजीब का हिस्सा है। यह हिन्दुस्तान की आन, बान और शान है। उर्दू भाषा को बचाने के लिए हमें आगे आना होगा। इसकी शुरूआत हमें अपने घर से करनी होगी। अपने घर की नेम प्लेट व दुकान के बोर्ड पर उर्दू भाषा का इस्तेमाल करें। उर्दू समाचार पत्र, पत्रिकाओं व किताबों को प्रोत्साहित करें।

अंत में सलातो सलाम पढ़कर मुल्क में अमन, शांति व भाईचारगी की दुआ मांगी गई। महफ़िल में समीउल्लाह, क़ासिद रज़वी, अली हसन, फैज़ान, मून, पैगम, वीरु, यूनुस आदि ने शिरकत की।