रवींद्र सिंह रायबरेलीरायबरेली / यहां खुदा है, वहां खुदा है, जहां नही खुदा वहां कल खुदेगा। बात मजाक की है लेकिन हकीकत बयान करने वाली है। रायबरेली एक वीवीआइपी जिला माना जाता है और यहां की सांसद सोनिया गांधी हैं। बावजूद इसके रायबरेली की सड़कों में गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़क कह पाना बहुत मुश्किल है । रायबरेली की सड़कें पूरी तरह से गड्ढों में तब्दील हो चुकी है जिसमें आए दिन हादसे होते रहते हैं लेकिन इस तरफ़ ना तो किसी जनप्रतिनिधि ध्यान जाता है और ना ही किसी जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी की ही।वीवीआइपी जिला घोषित होने के बावजूद रायबरेली शहर की सड़के हो या फिर ग्रामीण क्षेत्र की। सभी सड़कों में इतने गड्ढे हो चुके हैं कि लोगों का चलना दूभर हो चुका है। शहर की जेल रोड सबसे खराब सड़क के रूप में अपनी पहचान बना चुकी है जबकि यह प्रयागराज व कानपुर हाईवे को जोड़ने वाला सबसे महत्वपूर्ण लिंक रोड है। इसी तरह शहर की अन्य सड़कें भी पूरी तरह गड्ढों में तब्दील हो चुकी है। इतना ही नहीं लापरवाही का आलम तो डीह परशदेपुर रोड पर देखा जा सकता है जहां सिविल लाइन से पीएसी तक न सिर्फ लोगों का चलना दूभर हुआ है बल्कि आसपास रहने वाले स्थानीय लोगों के लिए जीवन नारकीय साबित हो रहा है क्योंकि एक साल से अधिक अमृत योजना के तहत सड़क को खोदा गया था लेकिन अभी तक ना तो योजना ही पूरी हो पाई और ना ही सड़क का निर्माण ही हो पाया। इसी तरह कहारों का अड्डा, जहानाबाद, गल्ला मंडी व रतापुर की सड़कें भी पूरी तरह गड्ढों में तब्दील हो चुकी हैं। जहां यह कह पाना किसी के लिए आसान नहीं होगा के गड्ढों में सड़क है या फिर सड़क में गड्ढे हैं।शहरी क्षेत्र को छोड़ दिया जाए तो ग्रामीण क्षेत्रों का हाल और बुरा है सड़कें पूरी तरह उधड़ चुकी हैं। लोगों का आवागमन संकटमय हो चुका है। डलमऊ क्षेत्र की सड़के हो, सरेनी ,बछरावां ,सलोन ,ऊंचाहार सभी जगहों की सड़कें पूरी तरह जर्जर हो चुकी हैं। इतना ही नहीं सांसद सोनिया गांधी के आवास भुएमऊ से रुस्तमपुर चकलोदीपुर मार्ग की सड़क पर डामरीकरण का नामोनिशान नही बचा है। पूरी सड़क में गढ्ढे ही गढ्ढे है। इस तरह ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों का भी उतना ही बुरा हाल है जितना शहरी क्षेत्रों की।

जिले की सांसद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी है और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ है उसके बावजूद जिले की सड़कों का यह हाल होना जनप्रतिनिधियों के कार्यशैली पर सवाल उठाता है। रायबरेली में तीन भाजपा के विधायक, भाजपा एमएलसी, भाजपा का ही जिला पंचायत अध्यक्ष और एक तरह से देखा जाए तो दो कांग्रेसी बागी विधायक भी भाजपा का ही गुणगान करते नजर आते हैं तो वे भी भाजपाई ही माने जाते है। इस तरह रायबरेली लगभग भाजपामय ही मानी जा रही है लेकिन सभी खद्दरधारी कुंभकर्णी नींद में सोते हुए सिर्फ अपनी जेबे भरने में लगे हुए हैं। जनता की समस्याओं से इन जनप्रतिनिधियों का कोई सरोकार नहीं है। जबकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गड्ढा मुक्त प्रदेश बनाने का संकल्प लिया था।

स्थानीय निवासी अशोक तिवारी ने बताया कि सड़क पूरी तरह गड्ढों में तब्दील हो चुकी है। आए दिन जल भराव होता है जिसकी वजह से आये दिन हादसे होते रहते हैं। केवल शहर की सड़कों में नहीं जनपद की सभी सड़कें पूरी तरह गड्ढों में तब्दील हो चुकी है लेकिन इस पर न तो प्रशासनिक अधिकारी ध्यान देता है और ना ही कोई नेता। सभी सड़कें पूरी तरह टूट चुकी है।