✍️वकील अहमद सिद्दीकी

🛑बनकटी,बस्ती.…..मंगलवार को संविलियन उच्च प्राथमिक विद्यालय देवमी में सुभाष चंद्र बोस की 127 वीं जयंती पर मां सरस्वती के चित्र व नेता जी सुभाष चंद्र बोस के चित्र पर राजेन्द्र प्रसाद चौधरी ग्राम प्रधान व अमित प्रकाश ग्राम विकास

अधिकारी देवमी शिक्षक मोहम्मद इकबाल, कनसलटिग ई० राधिका,प्रबंध समिति अध्यक्ष रंजना देवी ने माल्यार्पण कर और दीप प्रज्वलित कर हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।

इस अवसर पर विद्यालय के समस्त स्टाफ उपस्थित रह कर विद्यालय में बच्चों की निबन्ध प्रतियोगिता कराई गई। जिसमें प्रतियोगिता में बालक वर्ग में अभिषेक प्रथम ,प्रतिभा द्वितीय, अपर्णा व स्नेहा संयुक्त रूप से तृतीय स्थान पर रही। प्राथमिक से अर्पिता अर्पणा प्रथम, निधि द्वितीय ,रागनी तृतीय स्थान पर रही। शिक्षक मोहम्मद इकबाल ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बारे

में विस्तार से बताया कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी1897 को ओडिशा के कुट्टक गॉव में जानकीनाथ बोस और श्रीमती प्रभावती देवी के घर हुआ था। उनके पिता एक वकील थे। वह भारत के स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी तथा सबसे बड़े नेता थे। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने के लिए जापान के सहयोग से आजाद हिंद फौज का गठन

किया था। नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा दिया गया “जय हिंद का नारा “भारत का राष्ट्रीय नारा है। उनका एक और नारा “तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा” का नारा दिया। सुभाष चंद्र बोस के मन में देश प्रेम स्वाभिमान और साहस की भावना बचपन से ही प्रबल थी। राष्ट्र के युवकों के लिए आजादी की आत्म प्रतिष्ठा का प्रश्न बना देने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने स्वाधीनता महासंग्राम के महायज्ञ में प्रमुख पुरोहित की

भूमिका निभाई इनकी मृत्यु 18 अगस्त 1945 को बैंकॉक से टोक्यो जा रहे विमान दुर्घटना में हुई ,नेताजी की मृत्यु का रहस्य आज तक बरकरार है ।
इस अवसर पर ओम प्रकाश शुक्ला, बृजेश कुमार शुक्ला, जय प्रकाश प्रजापति, प्रेम चौधरी आदि लोग उपस्थित रहे।