दरभंगा बिहार
*सी एम कॉलेज, दरभंगा में स्नातक वाणिज्य प्रथम खण्ड के छात्रों का दीक्षारंभ कार्यक्रम संपन्न*

*ज्ञान हमारा सर्वोत्तम धन जो हमें बनाता है सुखी एवं समृद्ध- प्रो बीबीएल दास*

*असफलता एक चुनौती है जो हमें देता है बेहतर से बेहतरीन बनने की सीख- प्रो विश्वनाथ*

*सी.एम कॉलेज मॉल सदृश, जहां सब कुछ छात्रों को अपेक्षा से अधिक मिलना संभव- डा अशोक*

*सर्टिफिकेट कोर्स छात्रों के व्यक्तित्व विकास के साथ ही प्रदान करता है रोजी- रोजगार डा चौरसिया*
दीक्षारंभ छात्रों के जीवन का एक महत्वपूर्ण दिवस होता है, क्योंकि इसके माध्यम से वे शिक्षा- प्राप्ति की ओर तीव्र गति से उन्मुख होते हैं। भारत में दीक्षारंभ की प्राचीन परंपरा रही है जो छात्रों के लिए महत्वपूर्ण एवं यादगार दिन होता है। सी एम कॉलेज में नामांकन लेना अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उत्तर बिहार का एक प्रतिष्ठित महाविद्यालय है। इसका मिथिला में उच्च शिक्षा के विकास में अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उक्त बातें मिथिला विश्वविद्यालय के वाणिज्य संकायाध्यक्ष प्रो बीबीएल दास ने सी एम कॉलेज में स्नातक वाणिज्य के छात्रों के लिए आयोजित दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में कहा।
उन्होंने कहा कि ज्ञान हमारा सर्वोत्तम धन है जो हमें सुखी एवं समृद्ध बनाता है। छात्र केवल पुस्तक की ज्ञान ही नहीं, वरन उचित व्यवहारों को भी सीखकर सृजनशील, विचारवान, जिज्ञासु एवं संवेदनशील बने।
अध्यक्षीय संबोधन में प्रधानाचार्य प्रो विश्वनाथ झा ने कहा कि सी एम कॉलेज 21वीं सदी के वैश्वीकरण एवं आधुनिकता के साथ चल रहा है जो जलते हुए दीप के समान हमसब का मार्गदर्शन कर रहा है। असफलता एक चुनौती है जो हमें बेहतर से बेहतरीन बनने की सीख देता है। छात्र जीवन सर्वोत्तम मानवीय अवस्था है जो जीवनदीप सदृश दूसरों को भी प्रकाशित कर सकता है। उन्होंने नवनामांकित छात्रों को दीपावली की शुभकामना देते हुए उनके स्वर्णिम भविष्य की मंगलकामना की।
वाणिज्य के प्राध्यापक डा अशोक कुमार पोद्दार ने कहा कि सी एम कॉलेज उस मॉल के सदृश्य है, जहां छात्रों को सब कुछ अपेक्षा से अधिक मिलता है। यदि छात्र नियमित रूप से महाविद्यालय आए तो उनमें जीवन जीने की कला, बॉडी लैंग्वेज, व्यक्तित्व विकास तथा नौकरी का अवसर सभी प्राप्त होंगे, परंतु अनुशासनहीन छात्रों के लिए इस महाविद्यालय में कोई स्थान नहीं है। उन्होंने छात्रों से महाविद्यालय में उपलब्ध सर्टिफिकेट कोर्सों में नामांकन लेकर लाभ उठाने का आह्वान किया।
दीक्षांत समारोह के संयोजक डा आर एन चौरसिया ने कहा कि दीक्षांत से छात्रों को महाविद्यालय में समायोजित होने, उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी,नये परिवेश का माहौल, शैक्षणिक व सामाजिक गतिविधियों तथा अनुशासन आदि की विस्तार से जानकारी मिलती है। शिक्षक छात्रों की आंतरिक क्षमता को सही दिशा प्रदान कर खुशहाल समाज एवं समृद्ध राष्ट्र की नींव रख सकते हैं। उन्होंने छात्रों का महाविद्यालय परिसर में स्वागत करते हुए सभी सर्टिफिकेट कोर्सों के बारे में विस्तार से जानकारी दी तथा कहा कि यह छात्रों के सम्पूर्ण व्यक्तित्व विकास करते हुए उन्हें रोजी-रोजगार के योग्य बनाता है।
वाणिज्य की प्राध्यापिका डा दिव्या शर्मा ने महाविद्यालय के छात्रों से शैक्षणिक व सामाजिक कार्यक्रमों, एनसीसी, एनएसएस, खेलकूद तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेने की महत्ता बताते हुए छात्रों से निश्चितरूपेण कॉलेज के ड्रेस एवं आई कार्ड के साथ ही आने पर जोर दिया। साथ ही परिसर में नशासेवन तथा रैगिंग आदि से बचने की अनिवार्यता बतायी।
कार्यक्रम में जिला निबंधन एवं परामर्श केन्द्र, दरभंगा के प्रबंधक विकास कुमार ने अपनी टीम के साथ बिहार सरकार द्वारा उच्च शिक्षा के लिए दिए जाने वाले ऋणों का विस्तार से जानकारी दी तथा किसी भी समस्या के लिए अपना मोबाइल नंबर देकर जानकारी हेतु पंपलेट का वितरण किया। कार्यक्रम में एक सौ से अधिक छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।
अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ से किया गया,जबकि स्वागतगान अंग्रेजी विभाग की छात्रा सिमरन, विदिशा, अंकिता, इरशाद, समरीन, कल्याणी, प्रिया तथा पुष्पम ने प्रस्तुत किया। वणिज्य के प्राध्यापक डा ललित शर्मा के संचालन में आयोजित कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत वाणिज्य विभागाध्यक्ष प्रो डी पी गुप्ता ने किया,जबकि धन्यवाद ज्ञापन वाणिज्य के प्राध्यापक डा वासुदेव साहू ने किया।