🔻दरभंगा
*सीएम कॉलेज के इग्नू अध्ययन केन्द्र व क्रिएटिव राइटिंग एंड ट्रांसलेशन कोर्स द्वारा राष्ट्रीय विचारगोष्ठी आयोजित*

*”क्रिएटिव राइटिंग एंड ट्रांसलेशन की महत्ता” विषयक ऑनलाइन कार्यक्रम में 60 से अधिक व्यक्तियों की हुई सहभागिता*

*डा फुलो,डा शंभूशरण, डा रूपकला, प्रो इंदिरा, प्रो मंजू, डा राजकुमारी, डा वीरेंद्र, डा विकास, डा चौरसिया, डा सोगरा व डा मनोज आदि ने रखे विचार*

*राष्ट्र के भविष्य युवा सामाजिक विकृतियों को दूर कर अपनी क्रिएटिविटी से समाज को दें नई दिशा- दशा- डा फुलो*

*क्रिएटिव राइटिंग एवं ट्रांसलेशन में सरकारी व प्राइवेट नौकरी तथा स्वरोजगार की अपार संभावनाएं- शंभू शरण*

*रचनात्मक लेखन कला हमारी अभिव्यक्ति का श्रेष्ठ माध्यम, जिसमें कल्पनाशीलता, यथार्थता व नवीनता जरूरी- डा रूपकला*

*क्रिएटिविटी ईश्वरीय वरदान, पर निरंतर अभ्यास एवं कठिन मेहनत से उसमें निखार संभव- प्रो इन्दिरा*

*भाषा, संस्कृति व व्यावहारिक ज्ञान देने में सहायक अनुवाद के क्षेत्र में व्यापक रोजी- रोजगार उपलब्ध- डा वीरेन्द्र*

*क्रिएटिविटी ईश्वरीय वरदान, पर निरंतर अभ्यास एवं कठिन मेहनत से प्राप्त करना संभव- प्रो इन्दिरा*
सी एम कॉलेज,दरभंगा के इग्नू अध्ययन केन्द्र तथा क्रिएटिव राइटिंग एंड ट्रांसलेशन कोर्स के संयुक्त तत्वावधान में ‘क्रिएटिव राइटिंग एंड ट्रांसलेशन की महत्ता’ विषयक राष्ट्रीय विचारगोष्ठी का आयोजन गूगल मीट माध्यम से महाविद्यालय परिसर में किया गया, जिसका उद्घाटन प्रधानाचार्य डा फुलो पासवान ने किया। इग्नू क्षेत्रीय केन्द्र, दरभंगा के वरीय क्षेत्रीय निदेशक डा शंभू शरण सिंह की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में एमआरएम कॉलेज की प्रधानाचार्या डा रूपकला सिन्हा मुख्य अतिथि, सी एम कॉलेज के अंग्रेजी विभागाध्यक्षी प्रो इंदिरा झा मुख्य वक्ता, जाकिर हुसैन दिल्ली (सांध्य) कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय की हिन्दी- प्राध्यापिका डा राजकुमारी सम्मानित अतिथि, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रयागराज के हिन्दी- प्राध्यापक डा वीरेन्द्र कुमार मीणा सम्मानित वक्ता के रूप में अपने महत्वपूर्ण विचार व्यक्त किए। इग्नू समन्वयक तथा सर्टिफिकेट कोर्सेज के चीफ कोऑर्डिनेटर डा आर एन चौरसिया के संचालन में आयोजित विचारगोष्ठी में सी एम कॉलेज की अंग्रेजी- प्राध्यापिका प्रो मंजू राय ने अतिथियों का स्वागत किया, जबकि मारवाड़ी महाविद्यालय के संस्कृत विभागाध्यक्ष डा विकास सिंह ने अतिथियों का विस्तृत परिचय कराया। वहीं धन्यवाद ज्ञापन क्रिएटिव राइटिंग एंड ट्रांसलेशन के कोर्स कोऑर्डिनेटर डा मनोज कुमार सिंह ने किया। ऑनलाइन व ऑफलाइन माध्यम से आयोजित कार्यक्रम में अंग्रेजी प्राध्यापिका डा प्रीति कनोडिया, मारवाड़ी कॉलेज की समाजशास्त्र विभागाध्यक्षा डा सुनीता कुमारी, एमआरएम कॉलेज की हिन्दी- प्राध्यापिका डा नीलम सेन, डा रामकृपाल चौपाल, उर्दू- प्राध्यापिका डा मसरूर सोगरा, डा कामिनी चौधरी, जूही झा, निशित चंद्र मिश्र, गुड्डू, प्रियदर्शनी, आशीष रंजन, रवीन्द्र चौधरी, शालिनी झा, बालकृष्ण सिंह, निर्मल मिश्रा, सोनिया व प्रगति सिंह, मुकेश पटेल, संजय, कार्तिक शर्मा, सत्यम, राहुल, श्रवन, शशिकांत, सुभाष, शरबत आरा, संगीता, फूलबाबू महतो, रमण, मिथुन मासूम,अनिल व अमरजीत कुमार आदि सहित 60 से अधिक व्यक्तियों ने भाग लिया।
प्रधानाचार्य डा फुलो पासवान ने कहा कि मिथिला में ज्ञान- विज्ञान के चिंतन की प्राचीन परंपरा रही है। युवा ही राष्ट्र के वास्तविक भविष्य हैं जो सामाजिक विकृतियों को दूर करने में सक्षम हैं। उन्होंने आह्वान किया कि युवा अपनी क्रिएटिविटी से समाज को नई दिशा- दशा प्रदान करें।
मुख्य अतिथि डा रूपकला सिन्हा ने कहा कि रचनात्मक लेखन एक कला है जो हमारी अभिव्यक्ति को व्यक्त करने का श्रेष्ठ माध्यम है। इसमें कल्पनाशीलता, यथार्थता व नवीनता बहुत जरूरी है।क्रिएटिविटी बिना भय, भेद या पक्षपात के अपने मन एवं अनुभव की बात कहने की अपनी शैली होती है। मुख्य वक्ता प्रो इन्दिरा झा ने कहा कि वैसे तो क्रिएटिविटी ईश्वरीय वरदान है, पर निरंतर अभ्यास एवं कठिन मेहनत से इसे प्राप्त करना संभव है। क्रिएटिविटी विकसित करने के अनेक माध्यम हो सकते हैं। चित्रों को देखकर भी बच्चे अपने भावों को व्यक्त कर सृजनशीलता को विकसित करते हैं।
सम्मानित वक्ता डा वीरेन्द्र कुमार मीणा ने कहा कि भाषा, संस्कृति व व्यावहारिक ज्ञान देने में सहायक अनुवाद के क्षेत्र में व्यापक रोजी- रोजगार उपलब्ध हैं। अनुवादक बहुभाषी होते हैं जो बैंकों, संसद विधानसभाओं, सरकारी कार्यालयों, आकाशवाणी, टीवी चैनलों, पत्रकारिता के साथ ही प्राइवेट प्रकाशकों, कंपनियों व पर्यटन आदि क्षेत्रों में देश- विदेश में रहकर धन के साथ ही सम्मान भी प्राप्त कर सकते हैं। सम्मानित अतिथि डा राजकुमारी ने कहा कि साहित्य समाज का दर्पण होता है और वेदना से रचनात्मकता उत्पन्न होती है। गहरी संवेदना, लंबे अनुभव एवं विस्तृत ज्ञान का प्रभाव क्रिएटिव व्यक्ति की रचनाओं में व्यक्त होता है।
संस्कृत के प्राध्यापक डा विकास सिंह ने कहा कि दो से अधिक भाषाओं के जानकार ज्यादातर व्यक्ति क्रिएटिव होते हैं। क्रिएटिविटी हमारे व्यक्तित्व में निखार लाकर हमें प्रतिभा संपन्न बनाता है।
चीफ कोऑर्डिनेटर डा चौरसिया ने बताया कि क्रिएटिव राइटिंग एंड ट्रांसलेशन कोर्स में 20 नामांकन हो चुका है, जबकि 20 सीट अभी रिक्त है। इच्छुक छात्र मोबाइल नं. 99054 37636 तथा 98356 79796 पर संपर्क कर ‘पहले आओ- पहले पाओ’ तर्ज पर नामांकन ले सकते हैं, जबकि कोर्स कोऑर्डिनेटर डा मनोज सिंह ने बताया कि इस कोर्स के 7-8 विशेषज्ञ शिक्षकों के माध्यम से मई माह में वर्गारंभ किया जाएगा। तदोपरांत 15 दिनों का प्रशिक्षण कार्यशाला भी आयोजित किया जाएगा, जिसके प्रमाण पत्र भी छात्रों को दिए जाएंगे।