साइलेंट किलर है उच्च रक्तचाप, नियमित कराएं जांच

-30 की उम्र के बाद हर किसी को एक निश्चित अंतराल पर रक्तचाप की जांच कराते रहना चाहिए

– जिले के प्रत्येक सरकारी संस्थानों में नि:शुल्क उपलब्ध है उच्च रक्तचाप की जांच

🟥डॉ शशि कांत सुमन

🔴मुंगेर। उच्च रक्तचाप या हाई ब्लड प्रेशर को “साइलेंट किलर” भी कहा जाता है। ज्यादातर लोग उच्च रक्तचाप के कारण आने वाली स्वास्थ्य समस्याओं से अंजान होते हैं। उच्च रक्तचाप दिल की बीमारी, स्ट्रोक, दिल की विफलता जैसी कई अन्य बीमारियों के खतरे में डालता है। उच्च रक्तचाप लंबे समय तक चलने वाली एक स्थिति है और इसके लिए तत्काल दवा की आवश्यकता होती है। बीपी जितना अधिक होगा, गंभीर जटिलताओं की संभावना उतनी ही अधिक होगी। इसलिए आवश्यक है कि इसकी नियमित जांच कराते रहें। उक्त बातें गुरुवार को विश्व हृदय दिवस के अवसर पर जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. के.रंजन ने कही। उन्होंने बताया कि जिला के सभी प्रखंडों के सरकारी अस्पतालों में रक्तचाप की जांच के लिए विशेष व्यवस्था उपलब्ध है। 30 वर्ष की उम्र के बाद पुरुष हो या महिला हर किसी को एक निश्चित अंतराल पर अपनी रक्तचाप की जांच कराते रहना चाहिए।

ये हैं उच्च रक्तचाप के मुख्य लक्षण :
– चक्कर आना, गंभीर सरदर्द
– घबराहट
– सीने में दर्द या भारीपन
– मूत्र में रक्त
– नजर में परिवर्तन, थकान या भ्रम
– सांस लेने में तकलीफ
– चेहरे, बांह या पैरों में अचानक झुनझुनी सा होना, कमजोरी होना या अचानक बोलने या समझने में कठिनाई होना

मुख्य जोखिम कारक जो उच्च रक्तचाप के विकास की संभावना को बढ़ा सकते हैं-
– पारिवारिक इतिहास : यदि आपके परिवार के एक या अधिक सदस्यों को उच्च रक्तचाप है, तो संभावना है कि आप उच्च रक्तचाप के विकास के लिए उच्च जोखिम में हैं।
– मोटापा : मोटापे और अधिक वजन वाले लोगों में उच्च रक्तचाप भी बहुत आम है।
– आलस्य : शारीरिक रूप से निष्क्रिय रहने वाले लोगों में हृदय गति अधिक होती है। यह धमनियों में बहुत अधिक दबाव डालता है जिसके परिणामस्वरूप उच्च रक्तचाप होता है।
– तम्बाकू : चबाने या धूम्रपान करने से धमनियों के अस्तर को क्षति पहुँच सकती है जिससे गंभीर उच्च रक्तचाप हो सकता है।
– अपर्याप्त विटामिन : आपके भोजन में विटामिन डी और पोटेशियम की बहुत कम मात्रा आपके रक्त में सोडियम के स्तर को परेशान कर सकती है जिससे उच्च रक्तचाप होता है।

उच्च रक्तचाप को ठीक किया जा सकता है ?
एनसीडी पदाधिकारी डॉ. के. रंजन ने बताया कि उच्च रक्तचाप को ठीक नहीं किया जा सकता है। यह एक क्रोनिक बीमारी है और 90% रोगियों में उच्च रक्तचाप का कारण अज्ञात है। इसे दवा के साथ- साथ जीवनशैली और खाने की आदतों में कुछ संशोधन के साथ नियंत्रित भी किया जा सकता है। इसे आम तौर पर नियमित चिकित्सा, ध्यान देने और अपने चिकित्सक के साथ नियमित अनुवर्ती कार्रवाई की आवश्यकता होती है। उच्च रक्तचाप वाले 5 में से 1 व्यक्ति की समस्या नियंत्रण में होती है और यह अकाल मृत्यु का एक प्रमुख कारण है।

उच्च रक्तचाप को नियंत्रित कर सकते हैं :
– अपने उच्च रक्तचाप का इलाज करें।
– तनाव कम करना।
– बीपी लेवल की नियमित जांच कराते रहें।
– अन्य चिकित्सीय स्थितियों का प्रबंधन करें, यदि कोई हो।

उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं-
– संतुलित आहार।
– धूम्रपान छोड़ें ।
– सोडियम (नमक) कम करें ।
– तनाव के स्तर को प्रतिबंधित करें।
– पर्याप्त नींद सुनिश्चित करें।
– शरीर के वजन को नियंत्रित रखना ।
– फल और सब्जियां खाना।
– वसा बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों से बचना ।