तोलेटी चन्द्रशेखर नागरी रत्न, डॉ प्रेमशीला शुक्ला नागरी भूषण व दयाशंकर कुशवाहा नागरी श्री से सम्मानित

🟥देवरिया
गत वर्षों की भांति इस वर्ष भी
हिंदी दिवस के अवसर पर नागरी प्रचारिणी सभा देवरिया द्वारा समारोह आयोजित किया गया।
सभा17 वर्षों से हिंदी उत्थान हेतु अपना योगदान देने वाले अंतर्राष्ट्रीय महिला , पुरुष विद्वानों को नागरी रत्न,नागरी भूषण व नागरी श्री सम्मान से विभूषित करने की परंपरा कायम है।
हिंदी दिवस के अवसर पर नागरी प्रचारिणी सभा देवरिया सभागार में आयोजित सम्मान समारोह में विशाखापट्टनम से हिंदी के लिए समर्पित तोलेटी हिंदी शेखर जी को नागरी रत्न, डॉ प्रेमशीला शुक्ला जी को नागरी भूषण तथा बाल साहित्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे दयाशंकर कुशवाहा जी को नागरी श्री, से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व निदेशक,श्री द्वारिकाधीश संस्कृत अकादमी एण्ड इंडोलॉजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारका गुजरात, वर्ष 2018 में राष्ट्रपति जी से सम्मानित प्रो0 जय प्रकाश नारायण द्विवेदी ने अपने हिंदी को अपनो से ही सन्नद्ध रहने की जरूरत है। जितना नुकसान दुसरो से नही हो सकता, उससे अधिक समस्या हिंदी भाषी लोग, आधुनिक कहलाने के चक्कर मे कर रहे है।
प्रो0 द्विवेदी ने कहा कि विद्यानिवास जी कहते रहे जे एन यू के मार्कवाद की ढोल पीटने वाले लोगो के अधिकांश घरों की महिलाए तुलसी चौरा पर दीप जलाती है, घरों में सत्यनरायन जी की कथा होती है,,लेकिन वे मार्क्सवाद की ढोल पीटते है,इन सबके कारण हिंदी व हिंदी साहित्य का नुकसान हो रहा है।
उन्होंने कहा कि मोदी जी कई भाषाओं को जानने के बावजूद अपना भाषण हिंदी में करते है।

 

हम बाबर अकबर हुमायूँ का नाम जानते है परंतु अपने दादा के दादा जी का नाम नही जानते हैं। हमारे पूर्वजों ने हिन्दू धर्म और अपनी परम्पराओ को कायम रखा,, किसी प्रलोभन या भय से ,अपने धर्म से विमुख नही हुए।
विशाखापट्टनम से पधारे तोलेटी हिंदी शेखर ने आंध्रप्रदेश में रहते हुए हिंदी के प्रसार हेतु निरन्तर सक्रिय है,, कभी कभी हिंदी बोलने के नाते दुर्बयवहार भी झेलना पड़ा।लेकिन वे हिंदी के लिए पूर्णतया समर्पित हैं।
प्रेमशीला शुक्ला जी का लेखन भी पुरस्कृत व सर्वग्राह्य रहा । उनका योगदान भी महत्वपूर्ण रहा।उन्होंने ने हिंदी के उत्थान हेतु सुझाव भी दिया ।
बच्चों के लिए सहित्य सृजन के क्षेत्र में कार्यरत कुशवाहा जी अनेको सम्मान प्राप्त कर,अब भी सक्रिय हैं।
कार्यक्रम का शुभारम्भ मॉ सरस्वती के फोटो के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर हुआ।
स्वागत गीत नित्यानन्द यादव व संचालन डॉ अभय द्विवेदी ने किया।
सभाध्यक्ष आचार्य परमेश्वर जोशी, मंत्री डॉ अनिल कुमार त्रिपाठी , संयोजक डॉ सौरभ श्रीवास्तव सहित अन्य पदाधिकारी ,सदस्य व अन्य सम्भ्रांत जनों की उपस्थिति रही।
नए आजीवन सदस्यों को शपथग्रहण भी कराया गया।
इस अवसर पर डॉ विपिन बिहारी शुक्ला, डॉ जे एन पांडे, इंद्रकुमार दीक्षित, सरोज पांडे, सहित अनेक साहित्य मनीषी उपस्थित रहे।

⭕मृत्युंजय गुप्त विशारद