हम भारत माता की जय” बोलते हैं। घमंडया ठगबंधन अगर “इंडिया माता की जय” बोलना चाहता है, तो उन्हें कौन रोक रहा है।

 

🟥मुंगेर: सनातन धर्म और भारत पर प्रतिदिन होते आघात पर कठोर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता सह जमालपुर विधानसभा प्रभारी शैलेंद्र चौधरी का कहा कि विपक्षी गठबंधन के लोग प्रधानसेवक नरेंद्र मोदी का विरोध करने की हद पार करते हुए अब भारत, सनातन धर्म और हिंदू संस्कृति का भी विरोध करने पर उतर गए हैं। संविधान मूलत: अंग्रेजी में लिखा गया, इसलिए उसमें “भारत” और “इंडिया”, दोनों शब्दों का प्रयोग हुआ। दोनों शब्द संवैधानिक हैं। दुनिया में किसी भी देश के दो नाम नहीं है और नाम का अनुवाद नहीं होता, लेकिन अगर हम 75 साल अपने देश भारत को अंग्रेजी में “इंडिया” लिखते आ रहे हैं, तो इसे अंग्रेजो की मानसिकता की सोच कहेंगे।
उन्होंने कहा कि हम “भारत माता की जय” बोलते हैं। घमंडया ठगबंधन अगर “इंडिया माता की जय” बोलना चाहता है, तो उन्हें कौन रोक रहा है।चक्रवर्ती राजा भरत के नाम पर इस देश का नाम ‘भारत’ पड़ा और हमारे पौराणिक ग्रंथों में भी इस भूमि का नाम ‘भारत’ हैं, लेकिन जो लोग इसके सनातन धर्म और सभ्यता-संस्कृति को मिटाने की देश के दुश्मनो से सुपारी लिये हुए है। इसलिए पटना से मुम्बई तक व्याकुल घूम रहे हैं, उन्हें राष्ट्रपति भवन के आमंत्रण पत्र में “भारत” लिखने पर भी मिर्ची लग रही है।
बिहार में हिंदू त्योहारों की छुट्टी में कटोती करना सनातन धर्म पर आघात का हिस्सा थी क्योकि ये सोच है जिस तरह मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीरामचंद्र जी का मंदिर बन कर तैयार होने वाला है उसी तरह अगर मथुरा मे श्री कृष्ण का मन्दिर बन कर तैयार हो गया तो इन लोगो की राजनीति समाप्त हो जायेगी। जो अपने आप को श्री कृष्ण का वंसज कहते थे। राजद वाले उन्होंने भी उसका विरोध नही किया। भाजपा के प्रबल विरोध के कारण नीतीश सरकार ने भले ही हिंदू पर्व-त्योहारों पर स्कूली छुट्टियों में कटौती वापस ले ली, लेकिन शिवानंद तिवारी तो अब भी कटौती की वकालत कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि सनातन धर्म को मिटाने के उदयनिधि स्टालिन के बयान का खुल कर समर्थन किया। लालू प्रसाद और नीतीश कुमार भी स्टालिन और प्रियांक खड़गे के बयान का मौन समर्थन कर रहे हैं। विपक्ष मोदी-विरोध के बहाने सनातन धर्म को मिटाने के एजेंडे पर काम कर रहा है।
कोई गलतफहमी में न रहे.. चाहे वह स्टालिन का बेटा हो या घमंडिया ठगबंधन, हिंदू इसका जवाब देगा और प्रतिकार करेगा 2024 के चुनाव में इसका जवाब उन्हें मिल जाएगा । देश राष्टृवाद और सनातन संस्कृति के साथ हैं।