अभिनाष जायसवाल
9918214226सन्तकबीर नगर /धनघटा
पौली क्षेत्र के रोसया बाजार आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के पाँचवे दिन की कथा प्रारंभ करते हु ए कथा व्यास आचार्य प0 राम यज्ञ पांडेय ने भगवान की अनेक लीलाओं में श्रेष्ठतम लीला रास लीला का वर्णन करते हुए रुक्मिणी व भगवान श्रीकृष्ण के विवाह की रसमयी कथा सुनाई। कथा को आगे बढ़ाते हुए कहा कि जब तब जीव में अभिमान आता है। तब भगवान उनसे दूर हो जाते है। परन्तु जब कोई भक्त भगवान को न पाकर उनके विरह में डूब जाता है। तो भगवान उस पर अनुग्रह करते हुए उसे दर्शन देते है। श्रीकृष्ण का प्रथम विवाह विदर्भ देश के राजा की पुत्री रुक्मणि के साथ हुआ। रुक्मिणी साक्षात लक्ष्मी के रूप अवतरित थी। रुक्मिणी के पिता व भाई रुक्मिणी का विवाह शिशुपाल से करना चाहते थे। रुक्मिणी भगवान श्री कृष्ण से विवाह करना चाहती थी। लक्ष्मी नारायण से दूर कैसे रह सकती है। रुक्मिणी भगवान श्रीकृष्ण को पुकारा और भगवान रुक्मिणी भक्ति देख रथ लेकर विदर्भ देश पहुँच गये। और रुक्मिणी से विवाह कर द्वारिका पूरी चले आये।इस मौके पर जजमान राजेन्द्र प्रसाद जायसवाल राजकुमार जायसवाल बब्लू जायसवाल बिनय जायसवाल आनन्द जायसवाल रविन्द्र जायसवाल विशाल अभिषेक अखिलेश सुरेन्द्र कुमार गुडड्न लाल दिपक अग्रहारी मिन्टू चिन्टू प्रहलाद सन्तोष राम आशीष,राम दरस मनोज कुमार,धर्मवीर,कपिल देव,फूलचंद, समेत बहुत से श्रोता मौजूद रहे।