✍️नरेश सैनी

🟥मथुरा – जयगुरुदेव आश्रम में चल रहे पांच दिवसीय गुरुपूर्णिमा सत्संग मेला में गुरुपूर्णिमा के दिन संस्थाध्यक्ष पूज्यः पंकज महाराज जी ने अपने सम्बोधन में कहा कि यह बड़े सौभाग्य का समय है कि हम लोग अपने सत्गुरु को याद करने के और उनकी दया दुआ बरकत पाने के लिये गुरु दरबार में उपस्थित हुये हैं। मनुष्य होने के कारण यह विचार करना चाहिये कि जिस परमात्मा या शकि ने इस सृष्टि की रचना की है जो हमारा दाता है और हमारी देखभाल करने वाला है वह कैसे प्राप्त होगा। संत महात्मा समझाते हैं कि परमात्मा तुम्हारे वजूद देह के अन्दर है। दुनिया की यदि कोई प्रयोगशाला है जहां प्रभु को देखा जा सकता है तो वह आपका शरीर हैं है।
“हरि मन्दिर यह शरीर है ज्ञान स्तन प्रकट होया पंक्ति को उद्धृत करते हुये कहा कि यह शरीर ही सच्चा हरि मन्दिर है जब अपने द्वारा बनाये हुये मन्दिर मस्जिद गुरुद्वारे में कभी अण्डा मांस शराब नहीं चढ़ाते यानि डालते हो तो प्रभु के बनाये हुये मनुष्ट शरीर रूपी मन्दिर में जिसमें वह बैठा हुआ है अखाद्य पदार्थ डालने पर नर्कों और दोजख में सख्त सजा मिलेगी। अरे! आप अपने कं जब कट्टर हिन्दू मानते हो तथा राम कृष्ण और हनुमान को मानते हो इन महान आत्माओं ने कभी मांस खाने और शराब पीने के लिये नहीं कहा। रामराज कोरे भाषण देने से नहीं आयेगा वह का आयेगा जब लोगों के विचार बदलेंगे। लोगों मे अच्छे विचार सात्विक भोजन करने से आते हैं। इसीलिये हमारे गुरु महाराज बाबा जयगुरुदेव जी ने आवाम के लोगों से शाकाहारी होने और नशीली चीजों के सेवन को बंद करने की अपील किया। शाकाहारी का प्रचार करने से ही वैचारिक क्रान्ति आयेगी। यही सच्चा धर्म का प्रचार है। यह बहुत बड़ी परमार्थी सेवा है। मानव धर्म का आधार सत्य अहिंसा और दया है।सरकारों के ऊपर बोलते हुये कहा कि ये बड़ा ही खेद का विषय है कि आज के बच्चे अपने मां बाप को अपने पास रखने को तैयार नहीं हैं। बच्चों में अच्छे संस्कार महात्माओं के वचनों और सत्संग के माध्यम से पड़ता है। बच्चे आपकी पूंजी धरोहर हैं इनको सम्हाल कर रखिये नहीं तो बुढ़ापे में रोना पड़ेगा। इसलिये पढ़ाई लिखाई के साथ उनको सत्संग में अवश्य लाते रहें। उनक राम और कृष्ण जैसा संस्कार दें।
उन्होंने नये लोगों को सुस्त शब्द का भेद बताते हुये कहा कि मनुष्य रूपी हरि मन्दिर में दोनों आंखों के बीच सुस्त यानि जीवात्मा के कान तक प्रभु की आवाज आ रही है जिसे महात्माओं ने शब्द कहा है शब्द को सुनने का अभ्यास करते रहने से एक दिन शब्द अपने में खींच कर मिला लेगा और वह शब्द रूप हो जायेगी। मन और माया के चंगुल से हमेशा के लिये निकल जायेगी। जयगुरुदेव मन्दिर में प्राप्तकाल संस्थाध्यक्ष के पूजन करने के बाद श्रद्धालुओं के पूजन के लिये मन्दिर का कपाट खोल दिया गया। श्रद्धालु इस पुनीत पर्व पर अपने गुरु से दया की याचना करते हुये देखे गये। यह पूजन निस्तर पांच जुलाई तक चलता रहेगा उन्होंने पूज्य पाद दादा गुरु ” स्वामी घूरेलाल जी महाराज” के 75वाँ वार्षिक पावन भण्डारा की घोषणा किया और उसमें भाग लेने के लिये सभी को सादर आमन्त्रित किया। यह भण्डारे का कार्यक्रम जयगुरुदेव आश्रम मथुरा में दि. 20 से 24 दिसम्बर 2023 तक मनाय जायेगा रक्षा बंधन का कार्यक्रम 30 अगस्त को लखनऊ में मनाया जायेगा।