🔴दरभंगा

*राष्ट्रीय मानव शोध संस्थान के तत्वावधान में मिथिला में बुनकरों की दिशा और दशा विषयक परिचर्चा संपन्न*

*शिक्षा सभी सफलताओं की कुंजी, जिसके मार्फत पाया जा सकता है कोई भी मुकाम- डा चौरसिया*

*संगठन की मजबूती हेतु विभिन्न प्रखंडों के प्रभारियों को नियुक्त कर दिया गया विशेष प्रशिक्षण*

*मिथिला के बुनकर पेशा का राज्य एवं देश में रहा है अपनी विशेष पहचान- डा रामबाबू*

शिक्षा हमें अधिकार एवं कर्तव्य का बोध कराती है। यह खुशहाल समाज तथा विकसित राष्ट्र के निर्माण में सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। शिक्षा प्रत्येक सफलता की कुंजी है, जिसके बल पर हम कोई भी मुकाम प्राप्त कर सकते हैं। उक्त बातें राष्ट्रीय मानव शोध संस्थान, दरभंगा के तत्वावधान में लोहिया शहीद परमेश्वर महाविद्यालय, फुलपरास में “मिथिला में बुनकरों की दिशा और दशा” विषयक परिचर्चा में मुख्य अतिथि के रूप में सीएम कॉलेज, दरभंगा संस्कृत विभागाध्यक्ष डा आर एन चौरसिया ने कही। उन्होंने कहा कि बुनकर समाज शिक्षा रूपी सीढ़ी पर चलते हुये ही सर्वांगीण विकास कर विकसित की मुख्यधारा में शामिल हो सकता है। लोगों की मांग पर डा चौरसिया ने बुनकर समाज की उन्नति हेतु मिथिला विश्वविद्यालय के निर्देशानुसार सी एम कॉलेज के प्रधानाचार्य डा फुलो पासवान के आदेश से शीघ्र ही ‘टेक्सटाइल एंड फैशन डिजाइनिंग’ में सर्टिफिकेट कोर्स प्रारंभ करने की पहल करने का आश्वासन दिया। उन्होंने मिथिलांचल की प्रमुख नगरी दरभंगा में बुनकर समाज के लिए एक भव्य छात्रावास बनाने की पहल करने का आह्वान किया, ताकि समाज के युवा उसमें रहकर न सिर्फ अपनी पढ़ाई कर सकें, बल्कि सफलता प्राप्त कर दूसरों के लिए प्रेरक एवं मार्गदर्शक भी बन सके।
उद्घाटन भाषण में राष्ट्रीय मानव शोध संस्थान के अध्यक्ष डा रामबाबू चौपाल ने कहा कि मिथिला में बुनकरों की घोर उपेक्षा हुई है। यहां उनके प्रशिक्षण हेतु एक भी संस्थान नहीं है। बुनकर विकास हेतु सरकार की किसी भी योजना का लाभ चौपाल, पान व पटवा आदि बुनकर समाज को नहीं मिल रहा है, जबकि मिथिला का बुनकर पेशा राज्य एवं देश में अपनी पहचान के लिए जाना जाता था जो आज साजिश का शिकार होकर ध्वस्त हो गया है। उन्होंने कहा कि मिथिला विश्वविद्यालय के प्रत्येक जिला के कम से कम एक महाविद्यालय में फैशन डिजाइन और टेक्सटाइल के क्षेत्र में मुक्त सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स शीघ्र प्रारंभ किया जाना चाहिए, ताकि बुनकर प्रशिक्षित हो रोजी- रोजगार को प्राप्तकर अपनी उन्नति कर सके।
वहीं परिचर्चा के द्वितीय सत्र में संगठन की मजबूती हेतु विभिन्न प्रखंडों के प्रभारी नियुक्त किए गए, जिन्हें पदाधिकारियों ने उनके अधिकारों, कार्यों एवं दायित्वों का बोध कराया।
संस्था के लौकही प्रखंड अध्यक्ष अरुण कुमार मंडल की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रीय मानव को संस्थान के अध्यक्ष डा रामबाबू चौपाल, कोषाध्यक्ष जितेंद्र कुमार, बिंदेश्वर, मनोज, अरुण, रामचंद्र, राधेश्याम, भोला, मुनेश्वर, जगदीश, सुरेंद्र, महेंद्र, बेचनलाल, अरविंद, संजय नरेश, रामखेलावन तथा कार्यक्रम प्रभारी रामनरेश मंडल सहित 60 से अधिक व्यक्तियों ने भाग लिया।