🟥 वाराणसी से अश्विनी कुमार चौहान

रोहनिया-राजकीय महाविद्यालय जक्खिनी में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन समारोह सकुशल संपन्न हुआ ।इस समापन समारोह की मुख्य अतिथि डॉ सुधा पांडेय , प्राचार्या पंडित दीन दयाल उपाध्याय राजकीय पी जी कॉलेज सेवापुरी वाराणसी रहीं। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ उमाशंकर गुप्ता ने मुख्य अतिथि का माल्यार्पण कर अंगवस्त्र देकर स्वागत किया । विशिष्ट अतिथि प्रो.सतीश कुमार सिंह बीएचयू,एवम डॉ सुनील कुमार मौर्य एस वीएस जी पी जी कॉलेज रुद्रपुर उत्तराखंड , की नोट स्पीकर डॉ विष्णु कुमार शर्मा एवम डॉ वीरेंद्र कमलवंशी का भी माल्यार्पण , स्वागत एवम अंगवस्त्रम एवम स्मृतिचिन्ह प्रदान किया ।समापन समारोह में उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड, बिहार समेत कई राज्यों के प्राध्यापक , शोध छात्र एवम विद्यार्थी उपस्थित रहे।मुख्य अतिथि डॉ सुधा पांडेय ने अपने संबोधन में हरित अर्थव्यवस्था के लिए पंच तत्व : क्षितिजल पावक गगन समीरा के संरक्षण पर बल दिया साथ ही उन्होंने जल संरक्षण पर विशेष आवाहन किया।विशिष्ट अतिथि प्रो सतीश कुमार ने ऐसी तकनीकी के विकास पर जोर दिया जो वातावरण को हानि पहुंचाए बिना लाभप्रद हो । मुख्यवक्ता डॉ विष्णु कुमार शर्मा ने बताया कि विकसित देश लंबे समय से प्रकृति का दोहन कर रहे हैं।उन्होंने जीडीपी के साथ साथ जी ई पी के संरक्षण की आवश्यकता को रेखांकित किया । वक्ता कमलवंशी बीएचयू ने वृक्षों के संरक्षण एवं कूड़ा प्रवंधन के बारे में विचार व्यक्त किया । वक्ता डॉ सुनील कुमार मौर्य रुद्रपुर उत्तराखंड ने कहा कि प्लास्टिक कचड़ा के समस्या का समाधान अतिआवश्यक है । हरित अर्थव्यवस्था के लिए प्लास्टिक के प्रयोग को कम करने पर बल दिया । प्राचार्य डाक्टर उमाशंकर गुप्ता ने अपने अध्यक्षीय उदबोधन में हरित अर्थव्यवस्था एवम संपोषणीय विकास के लिए अर्बन उत्सर्जन में कमी करने तथा सौर ऊर्जा के प्रयोग पर बल देने की बात कही ।सेमिनार की दो दिवसीय आख्या संयोजिका डॉक्टर स्वर्णिम घोष ने प्रस्तुत किया ।समापन समारोह का संचालन डॉ आभा गुप्ता एवम तकनीकी सत्र का संचालन डॉ शरद कुमार ने किया ।धन्यवाद ज्ञापन आयोजन सचिव प्रो.वेद प्रकाश गुप्ता ने किया ।
इस अवसर पर डॉ सुनील गोयल , डॉ श्रीनिवास बीएचयू , डॉ वीरपाल सिंह इटावा , डॉ अंकित सिंह यू पी कॉलेज, डॉ मुकुल देव पांडेय आजमगढ़ , डॉ योगेश कुमार, डॉ जि0 सिंह, डॉ के.के.पटेल गाजीपुर , डॉ कामिनी वर्मा ज्ञानपुर, डॉ कमलेश वर्मा , डॉ प्रभाशंकर पांडेय, डॉ वंदना पांडेय, डॉ श्यामबाबू वर्मा आदि उपस्थित रहे।