राष्ट्रीय युवा दिवस पर नि:शुल्क वेबीनार आयोजित

🔴बस्ती। अखंड एवं संकल्प चैरिटेबल ट्रस्ट के संयुक्त तत्वाधान में राष्ट्रीय युवा दिवस के उपलक्ष में एक नि:शुल्क वेबीनार शाम 5:30 बजे से 6:30 बजे तक आयोजित की गई जिसमें भारत के प्रत्येक राज्यों से संयोजक एवं विद्यार्थियों को सम्मिलित किया गया इस बिजनौर में स्वामी विवेकानंद जी के बारे में एवं युवा साथियों के बारे में विचार रखते हुए संकल्प चैरिटेबल ट्रस्ट के निदेशक डॉ नवीन सिंह ने बताया कि “उठो जागो और तब तक मत रुको जब तक मंजिल प्राप्त न हो जाए’ का संदेश देने वाले युवाओं के प्रेरणास्रोत, समाज सुधारक युवा युग-पुरुष ‘स्वामी विवेकानंद’ का आज जन्मदिन है 12 जनवरी 1863 को उनका जन्म कलकत्ता में हुआ था। इसी क्रम में विश्व संवाद परिषद योग प्राकृतिक चिकित्सा प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगाचार्य डॉ रमेश चंद्रा ने बताया कि हर साल इसी दिन 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है. स्वामी विवेकानंद अपने ओजपूर्ण और बेबाक भाषणों के कारण काफी लोकप्रिय हुए, खासकर युवाओं के बीच. यही कारण है कि उनके जन्मदिन को पूरा राष्ट्र ‘युवा दिवस’ के रूप में मनाता है. स्वामी विवेकानंद का नाम इतिहास में एक ऐसे विद्वान के रूप में दर्ज है, जिन्होंने मानवता की सेवा को अपना सर्वोपरि धर्म माना।
अखंड चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्षा प्रोफेसर डॉ अर्चना दुबे कहा की स्वामी विवेकानंद मानवता की सेवा एवं परोपकार के लिए 1897 में रामकृष्ण मिशन की स्थापना की. इस मिशन का नाम विवेकानंद ने अपने गुरु रामकृष्ण परमहंस के नाम पर रखा. स्वामी विवेकानंद का रोम रोम राष्ट्रभक्ति से ओत प्रोत था. स्वामी जी मानवता की सेवा एवं परोपकार को ही भगवान की सच्ची पूजा मानते थे. स्वामी विवेकानंद को यु्वाओं से बड़ी उम्मीदें थीं. उन्होंने युवाओं को धैर्य, व्यवहारों में शुद्ध‍ता रखने, आपस में न लड़ने, पक्षपात न करने और हमेशा संघर्षरत रहने का संदेश दिया आज भी वे कई युवाओं के लिए प्रेरणा के स्त्रोत बने हुए हैं. आज भी स्वामी विवेकानंद को उनके विचारों और आदर्शों के कारण जाना जाता है।
इस निशुल्क वेबीनार में देश के विभिन्न राज्यों के सदस्य बनारस से डॉ अजीत कुमार सिंह, राम मोहन पाल ,उमेश कुमार ,चंडीगढ़ से विजय पांडे ,उत्तराखंड से प्रोफेसर डॉ सरस्वती काला, दिल्ली से अनुपम सिंह, सन्नो दुबे ,सविता पटेल, वेदांत सिंह, लखनऊ से नवजोत सिंह ,रंजीत कुमार चौधरी अनन्या श्रीवास्तव बाबू राम सिंह सम्मिलित रहे।