✍️ उमानाथ यादव 

🛑रायबरेली- 31जनवरीl भारत का संविधान ही पवित्र राष्ट्र ग्रंथ, उसमे प्रदत कर्तव्य ,अधिकारों से देश के नागरिकों को जागृत कर ने ,मताधिकार, उच्च व प्रतियोगी शिक्षा के महत्व, व समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने, युवा पीढ़ी को यह समझाने के लिए की माता-पिता ही सबसे बड़े देवता ,जाति ,धर्म से ऊंचे उठकर एवं महिलाओं को आदर भाव से देखने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से ग्राम सोहावल मै नव चेतना जागरण मंच उत्तर प्रदेश द्वारा नव चेतना जागरण एवं सम्मान समारोह सुरेंद्र मौर्य पूर्व प्रधान बहाई की अध्यक्षता में संपन्न हुआ l

जिसमें समाजसेवी पूर्व प्रधान वह पूर्व सदस्य जिला पंचायत समाजसेवी रघुराज यादव का सम्मान अंग वस्त्र ,माल्यार्पण व प्रशस्ति पत्र देकर किया गयाl

कार्यक्रम में उपस्थित समाजसेवी जेपी यादव ,सुनील कुमार यादव ,युवा नेता योगेश यादव कोमल फुटवियर ,पूर्व सदस्य जिला पंचायत अमरेंद्र यादव , रणजीत यादव एडवोकेट ,पूर्व प्रधान राम यश राजेश यादव उर्फ राजेश्वर एडवोकेट, उद्यमी विनोद यादव,शारदा एडवोकेट पूरे महुआरी ,प्रधानाचार्य अंजू, सिद्धनाथ एडवोकेट ,घनश्याम महेंद्र आदि लोगों ने रघुराज यादव को सच्चा समाज हितैषी ,दलित पीड़ितों की मदद करने वाला बतायाl

कार्यक्रम में सर्वप्रथम भारत का संविधान पर माल्यार्पण किया गया उसके पश्चात नव चेतना जागरण मंच उत्तर प्रदेश के सात उद्देश्यों पर चर्चा हुईl जिसमें पहला उद्देश्य है कि देश के लोगों को बताया जाए कि भारत का संविधान ही सबसे बड़ा राष्ट्र ग्रंथ है, माता-पिता ही सबसे बड़े देवता ,उच्च एवं प्रतियोगी शिक्षा से ही राष्ट्र का कल्याण संभव, पर्यावरण संरक्षण , हरित एवं श्वेत क्रांति को लाना तथा स्वयं का स्वास्थ्य ही सबसे बड़ी राष्ट्र पूंजी ,अपने मत एवं मताधिकार के महत्व को समझना ही सबसे बड़ा राष्ट्र प्रेम हैl

कुरीतियों से लड़ते हुए मृत्यु भोज बंद करने , ”क्या कहेंगे लोग ”से समाज को लड़ने की आवश्यकता ही राष्ट्र जागरण lमहिलाओ, सभी धर्मों का सम्मान तथा मानव कल्याण की भावना से ही राष्ट्र को एक सूत्र में पिरोया सकता हैl समारोह में इस कविता का पाठ किया गया कि,” ना तेरा है ना मेरा है यह हिंदुस्तान सबका है, नहीं समझी गई यह बात तो नुकसान सबका हयl गुमनाम नदिया मिलती है सागर में, महासागर बनाने में मगर एहसान सबका हाय ” lअमेरिका के गांधी मार्टिन लूथर के इस विचार को भी समाज को समझने और पालन करने की आवश्यकता जिसमें उन्होंने कहा था- अगर तुम उड़ नहीं सकते हो तो, दौड़ो lअगर तुम दौड़ नहीं सकते तो, चलोl अगर चल भी नहीं सकते तो, रेगोंl पर आगे बढ़ते रहोl अपनी सोच और दिशा बदलोl सफलता आपका स्वागत करेगी l

यदि ऐसा होगा तो सशक्त राष्ट्र का निर्माण होगा lकार्यक्रम में भारत के संविधान की उद्देशिका का वाचन एवं कार्यक्रम की समाप्ति पर राष्ट्रगान कराया गयाl संचालन दिनेश कुमार यादव एडवोकेट पूर्व जिला शासकीय अधिवक्ता प्रदेश अध्यक्ष नव चेतना जागरण मंच उत्तर प्रदेश ने कियाl