*जिंदगी और मौत से जूझ रहे है 80 वर्षीय सेवानिवृत्त मास्टर सुरेश प्रसाद सिंह*

*लगभग 1 वर्ष तहसील सहजनवा के लगा रहे थे चक्कर*

*अधिकारियों की उदासीनता का शिकार हुए बुजुर्ग*

*कार्यवाही के नाम पर मिलता रहा बस आश्वासन*

🛑सहजनवा / गोरखपुर :- सहजनवा तहसील के पाली गांव निवासी 80 वर्षीय बुजुर्ग सुरेश प्रसाद सिंह अपनी ही भूमि पर कब्जे के लिए तहसील का चक्कर काट करे है।बुधवार को अपनी फरियाद लेकर तहसील पर अधिकारियों के पास जा ही रहें थे कि बेलौरा मार्ग पर बाइक की ठोकर गम्भीर रूप से घायल हो गये।वह उपचार एक नीजि अस्पताल में चल रहा है।जहां वह जिन्दगी मौत से जूझ रहें है।

पाली निवासी सुरेश सिंह सेवानिवृत्त स्कूल मास्टर है।उनके दो बेटे हैं दोनों ही बाहर रहते है। वह गांव पर अकेले ही रहते है।गांव में ही उनकी जमीन जिसका आराजी नंबर 834,0.401 हेक्टेयर है। जिस पर वह बाउंड्री वाल बनाना चाह रहे थे। लेकिन गांव के ही एक जनप्रतिनिधि के नेतृत्व में मनबढ़ो द्वारा गाली-गलौज एवं मारपीट कर काम रोक दिया गया। इसके बाद बुजुर्ग ने तहसील प्रशासन से अनुरोध किया कि पैमाइश करके पत्थर नसब की प्रक्रिया की जाए। जिस पर हल्का लेखपाल द्वारा पैमाइश करके जमीन चिन्हित करने के बाद पत्थर गड़वा दिया गया। इसके बाद भी जब वह अपने जमीन की बाउंड्री वाल कराने गए तो मनबढ़ो का मनोबल इतना ऊंचा था उन्होंने पत्थर उखाड़ कर फेंक दिया। इन्हें जान माल की धमकी भी दिया।फिर लेखपाल की तहरीर पर पत्थर उखाङने पर मनबढ़ो के खिलाफ केस दर्ज हुआ।इसके बाद सुरेश लगातार उपजिलाधिकारी कार्यालय का चक्कर लगा रहे थे की हमें अपनी जमीन पर कब्जा दिलवा दीजिए। जिस पर उपजिलाधिकारी द्वारा हमेशा यही आश्वासन दिया गया जल्दी ही आपका काम हो जाएगा।तत्कालीन एसडीएम सुरेश राय ने नायब तहसीलदार पाली को निर्देशित भी किया था कि मौके पुलिस बल के साथ जाएं और बुजुर्ग को न्याय दिलवाए। उनका स्थानांतरण भी हो गया उनके आदेश के काफी दिन बाद हल्का लेखपाल मौके पर पुलिस बल के साथ गए लेकिन अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद वह भी बैरंग वापस लौट आए।उनकी बेटी संयोगिता सिंह ने बताया बुधवार को फिर तहसील जा रहे थे कि रास्ते में मार्ग दुर्घटना में घायल हो गये।अब वह निजी अस्पताल में जिन्दगी मौत से जूझ रहें है।एक वर्ष से तहसील का चक्कर लगाने के बाद भी जमीन पर कब्जा नहीं मिला।
*उपजिलाधिकारी सहजनवां कुवँर सचिन सिंह का कहना है कि “मुझे मामले की जानकारी है और प्रकिया चल रही है जल्दी ही जांच पूरी कर यथोचित कार्यवाही की जाएगी”*

*हल्का लेखपाल अरविंद कुमार :- न्यायालय के निर्देश के क्रम में पत्थर नसब की प्रक्रिया पूरी की गई थी जिसे मनबढ़ों द्वारा उखाड़ कर फेंक दिया गया था जिसके तहत सभी दोषियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराया गया था*