10 फरवरी से चलेगा आईडीए अभियान

 

✍️ उमानाथ यादव

🛑अमेठी, 5 फरवरी, 2024 ।
जनपद में 10 फरवरी को जब आशा दीदी घर की कुंडी खटखटायें और कहें कि आओ सब लोग और फाइलेरिया की दवा खाओ तो दवा खाने से मना न करें| घर पर दो साल से कम आयु के बच्चों, गर्भवती और अति गंभीर बीमारी से पीड़ित को छोड़कर सभी लोग दवा खाएं ।

किसी भी तरह का बहाना मत बनाएं क्योंकि आपकी भलाई के लिए सरकार अभियान चलाकर फाइलेरियारोधी दवा खिला रही है । यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अंशुमान सिंह का ।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी कहते हैं कि राष्ट्रीय फाइलेरिया उनमूलन कार्यक्रम के तहत पूरे जनपद में आईडीए अभियान के तहत फाइलेरियारोधी दवा आइवरमेक्टिन, डाईइथाईल कार्बामजीन (डीईसी) और एल्बेंडाजोल खिलाई जाएगी ।

फाइलेरियारोधी दवा खाएं और जनपद को फाइलेरियामुक्त बनाने में सहयोग करें ।
जिला मलेरिया अधिकारी शेषधर द्विवेदी ने बताया कि वह पिछले 05 साल से फाइलेरियारोधी दवाओं का सेवन कर रहे हैं, उन्हे दवा खाने के बाद कोई समस्या नहीं हुई । दवा पूरी तरह से सुरक्षित है और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रमाणित हैं । यह मत समझें कि बिल्कुल स्वस्थ हैं तो दवा का सेवन क्यों करें ।

यह बीमारी फाइलेरिया परजीवी से संक्रमित मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होती है । जब स्वस्थ लोगों को फाइलेरिया संक्रमित मादा क्यूलेक्स मच्छर काटता है तो स्वस्थ लोग भी संक्रमित हो जाते हैं और इसके लक्षण पाँच से दस साल बाद और कभी-कभी तो पंद्रह साल के बाद दिखाई पड़ते हैं ।
तब तक देर हो चुकी होती है । फाइलेरिया ऐसी बीमारी होती है जिसका कोई इलाज नहीं है । इसका केवल प्रबंधन ही किया जा सकता है । व्यक्ति के शरीर में फाइलेरिया के परजीवी होते हैं और वह जाने अनजाने अन्य लोगों को संक्रमित करता रहता है ।

आईडीए अभियान के तहत लगातार तीन साल तक साल में एक बार फाइलेरियारोधी दवाओं का सेवन कर इस बीमारी से बचा जा सकता है । कुछ व्यक्तियों में दवा सेवन के बाद चक्कर आना, जी मितलाना और उल्टी जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं इसका मतलब है व्यक्ति में फाइलेरिया के परजीवी मौजूद थे और उनके मरने के परिणाम स्वरूप यह प्रतिक्रिया हुई है ।

इसलिए परेशान न हों, यह थोड़ी देर में अपने आप ठीक हो जाते हैं । यदि फिर भी कोई समस्या महसूस होती है तो आशा कार्यकर्ता या रैपिड रिस्पॉन्स टीम(आरआरटी) से संपर्क करें ।