प्रधानाध्यापक नियुक्ति के लिए टीईटी मानक हटाना असंवैधानिक आरटीई 2009,एनसीटीई मानक का उल्लंघन:- राहुल देव सिंह

मुंगेर / टीईटी शिक्षक संघ मुंगेर जिला इकाई ने सरकार द्वारा घोषित प्रारंभिक,मध्य,उच्च एवं उच्चतर विद्यालयो के लिए प्रधानाध्यापक बहाली अधिसूचना मे स्पष्ट रूप से आरटीई-2009, एनसीटीई के मानक की अनदेखी करने एवं टीईटी शिक्षको की उपेक्षा कर परीक्षा से वंचित रखने के कुत्सित साजिश पर सरकार के प्रधानाध्यापक नियमावली पर कङा प्रहार करते हुए विरोध दर्ज किया है सरकार के इस दोषपूर्ण नियमावली को लेकर जिले के समस्त टीईटी शिक्षक मर्माहत,आक्रोशित एवं उद्वेलित है।*
*टीईटी शिक्षक संघ के प्रमंडलीय संयोजक एवं जिलाध्यक्ष राहुल देव सिंह एवं जिला उपाध्यक्ष विकास कुमार यादव ने बताया की प्रधानाध्यापक पद के लिए सरकार द्वारा बीपीएससी के माध्यम से परीक्षा लेने के निर्णय का टीईटी शिक्षक संघ स्वागत करता है । परन्तु परीक्षा मे बैठने के लिए बेसिक ग्रेड टीईटी शिक्षको को आठ साल सेवा अवधि की बाध्यता लगायी गयी है इसके साथ ही प्राइवेट शिक्षको के लिए शिक्षा का अधिकार कानून एवं नई शिक्षा नीति-2020 को दरकिनार करते हुए टीईटी की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है जो की पूर्णतः असंवैधानिक है।
जिला संयोजक राकेश कुमार यादव एवं जिला महासचिव प्रभाकर भारती ने संयुक्त रूप से आक्रोशित होकर बताया की जब शिक्षक बनने के लिए टीचर ऐलिजीबलेटी टेस्ट (टीईटी) की अनिवार्यता बिहार के साथ-साथ सम्पूर्ण भारत मे आरटीई -2009, एनसीटीई के आलोक मे लागू है तो फिर प्रधानाध्यापक पद के लिए इसकी अनिवार्यता को अनदेखा कर प्राइवेट विद्यालयो मे कार्यरत शिक्षको के 8-10 वर्षो के अनुभव को प्राथमिकता देने से पंचायती राज एवं नगर निकाय संस्थान अन्तर्गत कार्यरत शिक्षको मे जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है। टीईटी शिक्षक परीक्षा आयोजित कर प्रधानाध्यापक बनाने के निर्णय का स्वागत करते हुए किसी भी प्रकार के परीक्षा देने को सहर्ष तैयार है।
जिला सचिव संदीप कुमार एवं उपाध्यक्ष रविकांत यादव, रूपेश कुमार ने कहा की सरकार प्रधानाध्यापक नियमावली के तहत बेसिक ग्रेड के टीईटी शिक्षको के हितो की अनदेखी कर दरकिनार करने की विकृत मानसिकता से प्रेरित होकर साजिश कर रही है। जब परीक्षा लेकर ही प्रधानाध्यापक बनाना है तो इस परीक्षा मे सभी टीईटी शिक्षको को सम्मिलित होने का अवसर प्रदान किया जाय। बिहार मे शिक्षा विभाग प्रयोगशाला का केन्द्र बनकर रह गया है पहले शिक्षक नियमावली-2020 मे प्रोन्नति के आधार पर प्रधानाध्यापक बनाने का प्रावधान किया गया अब अपने उसी नियमावली को धत्ता बताते हुए परीक्षा आयोजित कर प्रधानाध्यापक बनाने का फैसला लिया गया है।
शिक्षा विभाग अपने इस निर्णय को नियमानुकूल संशोधन नही करती है तो बिहार के समस्त टीईटी शिक्षक सङक से लेकर न्यायालय तक उग्र राज्य स्तरीय आंदोलन करने के साथ साथ नियमावली को उच्च न्यायालय मे चुनौती देने को बाध्य होगे।