🛑कमल गुप्ता ,

 

🟥अररिया (बिहार ) नरपतगंज प्रखंड के घुरना बाजार व आसपास के सुहागिन महिलाओं ने सोमवार को हरतालिका तीज का व्रत रखा। पूरे दिन निर्जला व्रत रहने के बाद महिलाओं ने शाम को पति के स्वास्थ्य और लंबी उम्र के लिए पूजा अर्चना की।

 

 

हरतालिका तीज के पावन पर्व पर महिलाओं ने सोमवार को निर्जला व्रत रखकर शिव-पार्वती की विधि पूर्वक पूजा-अर्चना कर अखंड सुहाग की मंगलकामना की। भाद्र पद माह के शुक्ल पक्ष में जब चंद्रमा कन्या राशि और हस्त नक्षत्र में प्रवेश करता है तो इस दिन को हरतालिका तीज कहते हैं। इस व्रत का यह महत्व है कि अगर कुंवारी कन्या इस व्रत को विधि विधान से पूजन करती हैं, तो उसे सुयोग्य वर मिलता है। अगर सुहागिनें इस व्रत को करती हैं, तो उनके पति को लंबी उम्र की प्राप्ति होती है। इस संबंध में घुरना शिव मंदिर के पुजारी हीरा झा बताते है कि सर्वप्रथम माता पार्वती ने भगवान शंकर को पाने के लिए जंगल में जाकर घोर तपस्या की थी। इस पर भगवान भोलेनाथ ने वर दिया कि जो महिला इस व्रत को श्रद्धाभाव के साथ करेगी, उसका सुहाग दीर्घकाल तक जीवित रहेगा। इसी मान्यता

 

 

को लेकर सभी महिलाएं पर्व पर निर्जला व्रत रहती हैं। सोमवार को महिलाएं स्नानादि करके नया परिधान धारण कर सोलह शृंगार करके घर व मंदिरों में शिव-पार्वती की पूजन-अर्चन करते हुए पति के दीर्घायु के लिए भोलेनाथ से आशीर्वाद प्राप्त किया। मंदिर पर सुहागिन महिलाएं इकट्ठा होकर व्रत कथा का श्रवण भी किया। पूजन में महिलाएं लाल वस्त्र ,अक्षत, रोली चंदन, नारियल,पुष्प,फल श्रृंगार सामग्री आदि भगवान शिव तथा माता पार्वती को अर्पित कर पूजा अर्चना किया ।
हरतालिका तीज करती महिलाएं पुष्पा देवी ,रीता देवी,अनिता देवी, सुभाषिनी देवी ,चांदनी देवी,आशा देवी , ज्योति देवी ,कंचन देवी ,काजल देवी ,संगीता देवी,पिंकू देवी ,रुबी देवी,मीरा देवी,कविता देवी,रंजू देवी आदि ने बताती कि इस व्रत को करने से पति दीर्घायु तथा जीवन में सुख शांति मिलती है ।