🔺कबीर नगर !Aimim जिला महासचिव संत कबीर नगर ने आशंका व्यक्त करते हुए कहा की आगामी कुछ ही महीनों में उत्तर प्रदेश में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं, मतदाता सूची का पुनरीक्षण भी कर लिया गया है,
पुनरीक्षण के बाद आई मतदाता सूची में बेहद खामियां हैं !!
पंचायत चुनावों की तुलना में 25-30 प्रतिशत के लगभग मतदाताओं की संख्या नई लिस्ट में कम है !
उदाहरण के लिए हमारे ग्राम सभा में ही पंचायत चुनाव में 1245 वोटर थे, और नई मतदाता सूची में 905 वोटर हैं, यानी कि 72.69% हैं, और 27.31% वोट कम हो गये हैं ।।

लगभग 7-8 महीने पहले हुए पंचायत चुनाव के वक्त किसी भी ग्राम सभा की जो मतदाता सूची थी, उस से और जो अब मतदाता सूची आई है इसमें मिलाने पर बड़ी गड़बड़ी देखने को मिल रही है, अगर कुछ गांव की पंचायत चुनाव के वक्त वाली मतदाता सूची ले ली जाए और इस समय वाली मतदाता सूची ले ली जाए तो दोनों का मिलान कराने पर नई आई हुई मतदाता सूची में लगभग 25-30 प्रतिशत मतदाताओं की संख्या कम है !
पंचायत चुनाव जो कि स्थानीय चुनाव होते हैं, उसमें सब एक दूसरे को जानते हैं, उस वोटर लिस्ट में गड़बड़ी प्राय: नहीं होती है, भले ही फर्जी आई.डी. बनाकर कुछ लोग दूसरे के नाम पर मतदान करवा लेते हों, मगर जिसका नाम वोटर लिस्ट में रहता है, वह वास्तव में उस ग्राम सभा का निवासी होता है ।
और नई बनकर आई हुई ताजातरीन वोटर लिस्ट में
मृतकों और शादीशुदा बेटियों की संख्या भी काफी है अर्थात ग्राम सभाओं में मौजूद वास्तविक वोटरों की संख्या 70% से भी नीचे आएगी ।।

चूंकि एक ग्राम सभा में 250-350 वोटों का अन्तर आ रहा है, और एक विधानसभा में कमोबेश 250 ग्राम सभाएं होती हैं ! इस तरह हम पायेंगे कि एक विधानसभा में लगभग 50-60 हजार वोटों का अंतर मिलेगा !!
इतना बड़ा अंतर निश्चित रूप से जीत हार का आंकड़ा बदल देगा !
तमाम राजनीतिक दल जातीय और धार्मिक गुणा-गणित साधने के बावजूद वोटर लिस्ट से ही चुनाव हार जाएंगे !
यह सत्ताधारी दल की एक राजनीतिक चाल हो सकती है, जिसे तत्काल समझने और इसे सही कराने की जरूरत है !!