✍️तौफ़ीक़ खान

🔴वाराणसी।।दख़ल सङ्गठन के तत्वावधान में आज महिला चेतना को समर्पित अंतर्राष्ट्रीय अभियान ” वन बिलियन राइजिंग ” का बनारस में आयोजन किया गया।नारीवादी सामाजिक सांस्कृतिक चेतना के जागरूक बनारसी नागरिकों ने वन बिलियन राईजिंग के आयोजन में भूमिका ली। ज्ञातव्य है कि यह आयोजन V-day आंदोलन का एक हिस्सा है।कार्यक्रम में सांस्कृतिक तरीकों से महिलाओ पर हो रही हिंसा के खिलाफ महिला व पुरुषो के द्वारा आवाज उठाई गई तथा आजादी के नारों के साथ महिलाओं ने अपने अस्तित्व का जश्न मनाया।
पूर्व निर्धारित सार्वजनिक कार्यक्रम को आचार संहिता और कोविड के खतरे के मद्देनजर प्रतीकात्मक तौर पर सम्पन्न किया गया।2022 वर्ष का अंतराष्ट्रीय शीर्षक “सभी महिलाएं, लड़कियां और पृथ्वी एक आनंदमय सहजीवन में फले – फूले ” बनाया गया है।एक अध्ययन के अनुसार पूरे विश्व में मौजूद हर तीसरी स्त्री कही न कही किसी न किसी रूप में अपनी जिंदगी में एक या उससे ज्यादा उत्पीड़न की शिकार होती है। जिसमे से लगभग 736 मिलियन महिलाए अपनी किसी करीबी या गैर करीबी द्वारा शारीरिक उत्पीड़न की शिकार है। ये आंकड़े साल दर साल बढ़ रहे हैं।और इस तरह के उत्पीड़न की शिकार ज्यादातर महिलाएं 15-24 के उम्र की हैं। आश्चर्य की इनमें से ज्यादातर अपने करीबी रिश्तेदार या पति द्वारा ये सब यातना झेल रहीं हैं। दुःखद यह कि केवल 6% केस ही दर्ज हो पाते है।भारत और यूपी के संदर्भ में आंकड़ों को देखें तो राष्ट्रीय महिला आयोग के मुताबिक 2021 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के सबसे ज्यादा मामले उत्तर प्रदेश से रिपोर्ट हुए, जो कुल शिकायतों का आधे से ज्यादा का आंकड़ा है। आयोग की रिपोर्ट के अनुसार साल 2021 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 30 हजार से ज्यादा मामले सामने आए। जिसमें सबसे अधिक 15828 शिकायत यूपी से थीं।

हम हर वर्ष पहले से अधिक बलात्कार, अधिक घरेलू हिंसा, अधिक दुर्व्यवहार, अधिक शोषण, अधिक भूख और मृत्यु, अधिक राजनीतिक उत्पीड़न वाला समाज बना रहे है।
ये समस्याएं सालो से चली आ रही है इन्ही समस्याओं से दुनिया को कलात्मक ढंग से परिचित कराने हेतु तथा इनके खिलाफ आवाज उठाने और उत्पीड़न की इस चुप्पी की जंजीर को तोड़ने के लिए फेमिनिस्ट सोशल एक्टिविस्ट “ईवा इंसेलर” ने “2012” दुनिया भर की महिला सिंगर ,डांसर की मदद से इस कार्यक्रम “वन बिलियन राइजिंग” का आयोजन किया जो की “v-day आंदोलन” का एक हिस्सा है। जिसमे 5000 हजार से अधिक विश्व भर की संस्थाओं ने हिस्सा लिया था। 170 से ज्यादा देशों में यह आयोजन नारीवादी चेतना से सम्पन्न हो रहा है।
इसी क्रम में वाराणसी के नारीवादी संगठन “दखल” ने 2022 के विषय :”सभी महिलाएं,लड़कियां और पृथ्वी एक आनंदमय सहजीवन में फले – फूले”को रखते हुए कार्यक्रम का आयोजन किया ।पिछले साल 25 नवंबर 2021 को नारीवादी एक्टिविस्ट “कमला भसीन” की दुःखद मृत्यु हुई। कमला जी नारीवादी संघर्षों की एक नेतृत्वकर्ता रहीं। अपना सम्पूर्ण जीवन महिलाओं मुद्दो के खिलाफ आवाज उठाने में दे दिया उनके सम्मान में उन्हें याद करते हुए उनके गीतों के साथ संगठन ने बनारस का आयोजन उन्हें समर्पित किया ।कार्यक्रम में प्रेरणा कला मंच के साथियो ने नारीवादी गीतों, कविताओं से समां खूबसूरत बना दिया। संगीत और उत्पीड़न तथा समानता के अधिकार से वंचित महिलाओं के विषय पर चर्चा के माध्यम से महिला हिंसा की गंभीरता को बताते हुए विमर्श रूप भी दिया गया।
साथ ही देश, शहर या घर कही भी किसी भी महिला के ऊपर यदि किसी भी प्रकार का उत्पीड़न होता है तो “हम आवाज उठाएंगे” की शपथ के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।

कार्यक्रम में शहर के विभिन्न कॉलेजो के छात्र – छात्राऐं, संगठन और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल रहे तथा संगठन की ओर से प्रमुख तौर पर जागृति राही, डॉ इन्दु पांडेय, नीति, शालिनी, विजेता , मैत्री,फादरआनंद,मुकेश ,दिवाकर,श्रुति,धनञ्जय,साधना,पूर्णिमा,उदित,प्रियेश,नीरज,रोहन,अंकित,राज,प्रतिमा,काजल,हमाद,विक्रांत,पूनम,आदि शामिल रहे।