*ईओ ने चहेते ठेकेदारों से साठ गांठ कर सरकारी पैसे का किया बंदरबाट*

*डीएम की जांच रिपोर्ट के बाद शासन ने की निलंबन की कार्रवाई*

✍️विनय कुमार गुप्ता
🔻प्रतिनिधि रुद्रपुर देवरिया
हमेशा विवादों में घिरे रहने वाले तत्कालीन अधिशासी अधिकारी उपेंद्र नाथ सिंह को शासन ने कई विकास कार्यो में 850 लाख रुपये. के गबन के आरोपों में निलंबित कर दिया हैं। अधिशासी अधिकारी पर ठेकेदारों से मिलीभगत कर सरकारी धन का दुरुपयोग करने और धन उगाही जैसे आरोप लगे है।
तत्कालीन ईओ की राज्यपरिषद से लेकर मुख्यमंत्री तक शिकायत हुई थी। मामले में तत्कालीन जिलाअधिकारी के द्वारा जांच के बाद कार्यवाही के लिए शासन को भेजा गया था। जिसपर शासन ने निलंबन की कार्यवाही की हैं।
नगर पंचायत के कार्यकाल के दौरान उपेंद्र नाथ सिंह पर बस स्टेशन के अंदर शौचालय के निर्माण में निर्धारित धनराशि से 2.85 लाख रूपए अधिक का भुगतान किया गया था। मस्जिद वार्ड में व्यक्तिगत लाभ के लिए एक व्यक्ति के बाउंड्री के अंदर ही सी सी रोड का निर्माण करा दिया जिसमें 2.68 लाख रूपए सरकारी धन का खूब बंदरबांट हुआ। आदर्श माध्यमिक विद्यालय आदर्श केंद्रीय प्राथमिक विद्यालय में भी आयल पेंटिंग के काम में 2.50 लाख के गबन का मामला भी प्रकाश में आया यह भी आरोप लगा है कि नगर पंचायत के भवन निर्माण कराने में ईओ ने दिलचस्पी नहीं दिखाई हैं। जांच टीम ने निरीक्षण के बाद अपनी आंख्या डीएम को सौंपा था और 2021 में तत्कालीन डीएम ने इसे शासन को भेजा था जिसमे ईओ के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति किया गया था। इसे गंभीरता से लेते हुए शासन ने उपेंद्र नाथ सिंह को निलंबित कर दिया। उपेंद्र नाथ सिंह का पद समाप्त कर दिया गया। और उन्हें पुराने कृषि विभाग के मूल पद पर तैनात किया गया।
अपर कार्रवाई होते ही नगर पंचायत कार्यालय से जुड़े तमाम लोगों में भी हड़कंप मच गया सोशल मीडिया में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया लोगों का कहना है कि आखिर ईओ के बाद और किसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उपेंद्र नाथ सिंह चहेते ठेकेदारों को मनमाफिक कार्य देना और मनमाने रूप से इस्टीमेट तैयार कराया जाता था जिसमे खूब सरकारी धन का खेल होता था।