पुलिस नही लिख रही है मुकदमा रुदल
अब्दुल गफ्फार खान की रिपोर्ट
गोरखपुर(ब्रह्मपुर)
नीम हकीम खतरे जान,नीम मूल्ला खतरे ईमान वाली कहानी चरितार्थ करते हुए एक झोला छाप डाक्टर ने एक महिला का बच्चेदानी में ट्यूमर होने की बात बताकर 10 मई को आपरेशन कर दिया। जबकि डाक्टर के पास आपरेशन करने की न कोई योग्यता है न ही आपरेशन थियेटर है। आपरेशन के बाद
महिला के स्वास्थ्य में सुधार की बजाय और खराब हो गई।16 की रात्रि में महिला की हालत खराब हो गई।17 मई को डाक्टर ने महिला को गोरखपुर के एक अस्पताल में भर्ती करा दिया। जहां शाम को उसकी मौत हो गई।स्वजन शव को घर लाए।18 की सुबह पुलिस को सूचना दिए।पुलिस शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम में भेज दी।महिला के पति रुदल के आवेदन पर पुलिस मुकदमा लिखने की बजाय तस्करा बावत मृत्यु बीमारी का लिखा।रुदल तभी से थाने का चक्कर लगा रहे है।लेकिन पुलिस मुकदमा लिखने की बजाय उसे यह समझाने का प्रयास कर रही है कि पीएम रिपोर्ट में कुछ नही है।यहां तक कि शनिवार को तहसील चौरी चौरा में तहसील समाधान दिवस भी लगा था जहां डी एम और एस एस पी भी आए थे।रुदल भी अपनी फरियाद लेकर पहुंचा था।लेकिन झंगहा पुलिस उसको अधिकारियों से मिलने तक नही दिया।मां की मौत के बाद रुदल की दो बच्चियों अश्वनी 17 तथा अक्षरा 14 के सर से मां का साया उठ गया।दोनो बच्चियों का तो कर बुरा हाल है।हम लोग अब किसके सहारे रहेंगे।पिता कानपुर में रहकर मजदूरी करते है।मामला झंगहा थाना क्षेत्र के नरेंद्र पुर का है।रुदल गौतम की 42वर्षीय पत्नी मिथिलेश देवी की तबियत खराब होने पर रुदल इसी थाना क्षेत्र के नई बाजार के दिशा अस्पताल के डाक्टर सुनील मौर्य को 10 मई को दिखाए जहां डाक्टर मौर्य ने बच्चेदानी में ट्यूमर होने की बात कहकर कहे कि अगर इसका जल्द आपरेशन नही हुआ तो खतरा बढ़ सकता है।10 हजार रूपये में सौदा तय कर आनन फानन में आपरेशन कर दिए।खून की कमी तथा प्लेटलेश के नाम पर डाक्टर द्वारा लगभग 70 हजार रुपया ले लिया गया।