🛑 उमानाथ यादव

🟪रायबरेली- जनपद के दक्षिणी छोर पर स्थित डलमऊ कस्बे के मोहल्ला चौहट्टा में गंगा नदी के किनारे स्थित व भारत तिब्बत सीमा सुरक्षा बल बाउंड्री से जुड़ा हुआ मां पथवारी देवी मंदिर प्राचीन काल से बना हुआ है और कई जनपदों के अलावा क्षेत्रीय लोगों के लिए अटूट एवं श्रद्धा भक्ति का केंद्र के रूप में विख्यात है।

आपको बताते चले की जनपद रायबरेली के दक्षिणी छोर पर स्थित रायबरेली व फतेहपुर जनपद की सीमा से जुड़ा हुआ डलमऊ कस्बा स्थित है इस डलमऊ कस्बे के मोहल्ला चौहट्टा में गंगा नदी के किनारे मां पटवारी देवी का मंदिर स्थित है जो की जनपद मुख्यालय से 29 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है वहां से भक्तों एवं श्रद्धालुओं को आने के लिए कानपुर इलाहाबाद के बीच में डलमऊ रेलवे स्टेशन पड़ता है वहां से 3 किलोमीटर की दूरी पर यह मंदिर पड़ता है इसके अलावा जनपद मुख्यालय से रोडवेज की बसों के अलावा अन्य तमाम साधन मुराई का बाग कस्बे व उसके बाद टेंपो के सहारे मंदिर तक पहुंचने का सुलभ साधन 24 घंटे उपलब्ध रहते हैं क्षेत्र के कई बुजुर्गों द्वारा बताया गया कि इस मंदिर का निर्माण सन 1937 ई के लगभग कराया गया है।

जिसमें बताते हैं कि एक राजगीर मिस्त्री रोज सुबह मां पटवारी देवी घाट पर गंगा स्नान करने आता था तो उसने एक दिन देखा कि मंदिर के स्थान पर एक पत्थर रखा हुआ है जिसको उठाकर उसने गंगा नदी के किनारे फेंक दिया और अपने घर चला गया उसी रात सपने में माता जी ने उसे राजगीर मिस्त्री से कहा कि मैं मां पटवारी देवी हूं जो आपने उसे पत्थर को गंगा में फेंक दिया है उसको उठाकर वहां पर मेरे नाम से मंदिर का निर्माण करो तभी आपकी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाएगी इसके बाद राजवीर मिस्त्री की इसी तरह रात काटने के बाद सुबह हुआ तो उसने इस घाट पर गंगा स्नान किया और उसे पत्थर को उठाकर उसी स्थान पर रखकर मंदिर का निर्माण कर दिया इसी मान्यता के साथ प्रतिदिन लोगों के लिए श्रद्धा भक्ति एवं आस्था का केंद्र बन गया

और प्रत्येक महीने की पूर्णिमा व अमावस्या को सैकड़ो की संख्या में श्रद्धालु इस घाट पर गंगा स्नान करते हैं और मां पथवारी देवी के मंदिर में पहुंचकर श्रद्धा भक्ति के साथ पूजन अर्चन करते हैं और अपने परिवार की सुख समृद्धि एवं खुशहाली के लिए मां से विनती करते हैं और मां पथवारी देवी उनकी मुरादों को पूरी करती हैं इसी तरह से शारदीय नवरात्रि एवं चैत मास में भक्तों द्वारा रामायण सहित कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है तथा नव विवाहित जोड़ों के द्वारा भी पहली बार मन पथवारी देवी के मंदिर में पहुंचकर दर्शन कराए जाने की प्रथा सदियों से चली आ रही है तथा कार्तिक मास की कार्तिक पूर्णिमा को इस मंदिर को भव्य तरीके से सजाया और सवर जाता है

तथा इस मंदिर के सेवादार के रूप में संदीप मिश्रा उर्फ सोनू ने बताया कि प्रतिदिन उठकर इस मंदिर की साफ सफाई कराई जाती है और शाम को इसी घाट पर गंगा आरती का आयोजन किया जाता है जिसमें सैकड़ो की संख्या में श्रद्धालु शाम को 7:00 बजे उपस्थित होकर गंगा आरती के कार्यक्रम में उपस्थित होते हैं तथा प्रसाद का वितरण भी किया जाता है जो गंगा आरती मां पथवारी देवी के नाम से ही कराई जाती हैं इसी प्रकार से सैकड़ो साल से इस मंदिर के पुजारी के रूप में पहले भारतीय शरण द्विवेदी उर्फ नन्हे करते चले जा रहे थे उनके निधन के बाद उनके पुत्र पुनीत द्विवेदी के द्वारा सुबह शाम मां पटवारी देवी में पूजन अर्चन व आरती के कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है इस मंदिर में सहयोग के लिए डलमऊ कस्बे के रमेश चंद्र श्रीवास्तव राम मनोहर स्वर्णकार अनूप श्रीवास्तव सुमित जायसवाल अमर जायसवाल सचिन चौधरी उत्कर्ष जायसवाल करुणा शंकर त्रिपाठी त्रिज्या की नारायण त्रिपाठी अमित यादव अमन निषाद राम हर्ष सोनकर दिलदार मोदनवाल प्रभाकर श्रीवास्तव आर्यन यादव दयानंद त्रिपाठी भंवरनाथ त्रिपाठी सहित अन्य तमाम लोगों के सहयोग से इस मंदिर का मरम्मत कराया जाता है तथा यह पथवारी देवी मंदिर रायबरेली

जनपद के अलावा उन्नाव फतेहपुर प्रतापगढ़ लखनऊ बाराबंकी जौनपुर के अलावा कई अन्य जनपदों के लोग यहां आकर गंगा स्नान के उपरांत श्रद्धा भक्ति के साथ दर्शन करते हैं और मां पथवारी देवी से अपने परिवार के सुख संबंधी की कामना करते हैं मां पथवारी देवी उनकी मुराद को पूरी करती है इसी तरह से डलमऊ कस्बे के कुछ अन्य लोगों से हमारे संवाददाता से बातचीत में बताया कि यह मंदिर बहुत पुराना और शक्तिशाली है तथा यह मन पटवारी देवी का मंदिर मां वैष्णो देवी विंध्यवासिनी माता सहित कई मंदिरों की तरह सिद्धपीठो में गिना जाता है डलमऊ कस्बे के संदीप मिश्रा सोनू नगर पंचायत अध्यक्ष पंडित बृजेश दत्त गौड़ सुशील

जायसवाल पत्रकार उमानाथ यादव माधवेंद्र मिश्रा संजय श्रीवास्तव वरिष्ठ कवि प्रदीप श्रीवास्तव एवं कवि रामनारायण रमण ने बताया कि इस मंदिर में जो भी सच्चे मन से आता है उसकी मुरादे मां पटवारी देवी पूरी करती हैं तथा इस मंदिर में नवरात्रि के दिनों के अलावा अन्य दिनों में भी मेले जैसा भक्तों की भीड़ दर्शन करने के लिए लगी रहती है