अलीम खान की रिर्पोट,
अमेठी, जनपद में 25 जुलाई तक दस्तक अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के दौरान आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर बुखार से ग्रसित मरीजों की खोज करेंगी। दो हफ्ते या अधिक समय से खांसी,बुखार वाले मरीजों की टीबी की भी जांच कराई जाएगी। टीबी मरीज खोजने वाली आशा कार्यकर्ता को प्रोत्साहन राशि भी मिलेगी। उक्त जानकारी जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. आर पी गिरी ने दी, उन्होनें बताया कि अभियान के तहत बुखार, क्षय रोग से ग्रसित मरीजों के साथ ही कुपोषित बच्चों को सूचीबद्ध किया जाएगा। टीबी के संभावित मरीजों की जांच कराई जाएगी और बीमारी की पुष्टि होने पर नि:शुल्क उपचार कराया जाएगा। टीबी मरीज खोजने वाली आशा को 500 रुपए की प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने की केंद्र सरकार की योजना है, इसी के तहत इन अभियानों को चलाया जा रहा है। उन्होंने लोगों से अपील किया कि जांच में सहयोग करें ताकि समय रहते गंभीर बीमारियों का उपचार संभव हो सके और कम से कम जनहानि हो। उन्होनें बताया कि 1 जनवरी से 30 जून 2021 तक जनपद में एक्टिव टीबी के 1011 मरीज़ मिले, जिसमे 779 मरीजों का इलाज पूर्ण कर चुके हैं, जनपद में निक्षय पोषण योजना के तहत प्रतिमाह पांच सौ रुपए खानपान के दिए जा रहे हैं। जिसके तहत अब तक रुपये 4211500 की धनराशि मरीजों को डी बी टी के माध्यम से सीधे उनके खाते में भेजा जा चुका है। उन्होने बताया कि दो सप्ताह से ज्यादा खांसी रहना, खांसी के साथ बलगम आना और बलगम के साथ खून आना, सीने में दर्द होना, शाम को हल्का बुखार आना, वज़न कम होना, भूख नहीं लगना ये टीबी के लक्षण हो सकता है।