इससे पहले वर्ष 2017-18 में कायाकल्प में हुआ था चयन

🟥बस्ती, 27 सितम्बर 2022। टीबी के मंडलीय अस्पताल को चार साल बाद एक बार फिर कायाकल्प अवार्ड मिला है। इससे पहले वर्ष 2017-18 में यह अवार्ड मिला था। इसके बाद यह लगातार कायाकल्प की दौड़ से पिछड़ता रहा, लेकिन सूरत बदली तो फिर से सफलता मिल गई।
व्यवस्था बदलने के बाद वर्तमान में इस अस्पताल की गिनती जिला स्तरीय अस्पताल में एक आदर्श अस्पताल के रूप में की जा रही है। प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) के बेहतर प्रबंधन से यह संभव हो सका है। सुविधाओं में काफी इजाफा हुआ है। 110 बेड के इस अस्पताल में 30-35 गंभीर मरीज भर्ती रहते हैं, जिनका निःशुल्क इलाज किया जाता है।
सीएमएस डॉ. एके वर्मा ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2019 में अस्पताल का चार्ज संभाला। जिला क्वालिटी एश्योरेंस कंसल्टेंट डॉ. अजय कुमार ने समय-समय पर उनके अस्पताल का भ्रमण कर कायाकल्प की गाइड लाइन बताई और कमियों में सुधार का सुझाव दिया।
उन्होंने सबसे पहले स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया। परिसर व वार्ड की नियमित सफाई करवानी शुरू की और यहां आने वाले मरीजों व तीमारदारों से को भी कूड़ेदान के प्रयोग के लिए प्रेरित किया। इससे परिसर पूरे दिन साफ-सुथरा दिखने लगा। इसी के साथ बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट व इंफेक्शन कंट्रोल के तरीकों को कड़ाई से लागू कराया। अलग-अलग प्रकार के कूड़े के लिए अलग-अलग बाल्टियों का प्रयोग किया जा रहा है। इसके लिए स्टॉफ को प्रशिक्षित किया गया। मरीजों को शुद्ध पानी मुहैया कराने के लिए जगह-जगह आरो की मशीन लगवाई।
किसी मरीज को गेट में घुसने के बाद अब भटकना नहीं पड़ता है। वार्ड, प्रयोगशाला, ओपीडी आदि के लिए संकेतक लगाए गए हैं। टीबी की जांच के साथ अन्य पैथॉलोजी जांच के लिए अत्याधुनिक लैब का सुचारू रूप से संचालन कराया जा रहा है, जिससे मरीज को कहीं भटकना न पड़े। टीबी के एमडीआर मरीजों को खुले में बैठने के लिए उनके वार्ड के पीछे व्यवस्था कराई। कायाकल्प के सभी मानक पूरा होने पर अवार्ड मिला है।

सुविधाओं पर खर्च होगी कायाकल्प की धनराशि
कायाकल्प अवार्ड के तहत मिलने वाली धनराशि का 75 फीसदी बड़ा हिस्सा अस्पतालों में सुविधाओं के इजाफे में खर्च किया जाता है। इसका फायदा मरीजों को मिल रहा है।
वर्ष 2021-22 के लिए टीबी व जिला महिला अस्पताल का चयन कायाकल्प अवार्ड योजना के तहत हुआ है। दोनों को तीन-तीन लाख रुपये मिलेंगे। इसके अलावा योजना के तहत पीएचसी हलुआ को दो लाख, सीएचसी कप्तानगंज को 1.25 लाख, सीएचसी रुधौली, गौर, दुबौलिया, परशुरामपुर, साऊंघाट, को एक-एक लाख, पीएचसी कुदरहा, सिकन्दरपुर, ओड़वारा, मुसहा, सल्टौआ को 50 हजार, वेलनेस सेंटर बक्सर को एक लाख, दसिया 50 हजार, तिकलपुर 35 हजार, गढ़हा गौतम, ओड़वारा, खजौला, खमरिया, डेगरहा, छावनी, बैरागल, सोनूपार सेंटर को 25-25 हजार रुपए इनाम मिला है।
डॉ. अजय कुमार ने बताया कि टीबी अस्पताल ने एक बार फिर कायाकल्प का मानक पूरा किया है। राज्य स्तरीय कायाकल्प अवार्ड समिति की गाइड लाइन के अनुसार इंफेक्शन कंट्रोल व वेस्ट मैनेजमेंट दोनों में 70 प्रतिशत स्कोर प्राप्त होने के बाद ओवर ऑल 70 प्रतिशत स्कोर मिलने पर ही कायाकल्प अवार्ड के लिए चयन किया गया है।

मानक में यह है शामिल
हॉस्पिटल अपकीप, सेनीटेशन एंड हाईजीन, वेस्ट मैनेजमेंट, इंफेक्शन कंट्रोल, सुपर सर्विस, हाईजीन प्रमोशन, बाहरी दीवार व उसके आस-पास की स्वच्छता, इकोफ्रेंडली सुविधाएं