🔴धनघटा/संत कबीर नगर।
नाथनगर ब्लॉक क्षेत्र अंतर्गत अनुदानित मदरसा
मिस्बाहुल उलूम रौजा में प्रबंधक श्री मुहम्मद हुसैन सिद्दीकी ने प्रातः 8बजे ध्वजारोहण किया।
मदरसा प्रबंधक ने अपने संबोधन में कहा कि हिन्दुस्तान की आज़ादी में सभी धर्म के लोगों ने मिलकर लड़ा है।और अपने जान की कुर्बानी देकर अंततः हिंदुस्तान को अंग्रेजों के चंगुल से छुड़ाया।हम सबको मिलजुलकर अमन व शांति के साथ इस देश में रहना चाहिए।और हम सबको सभी धर्म के लोगों का सम्मान करना चाहिए।
मुख्य अतिथि रहे डाक्टर अतीकुर्रहमान सिद्दीकी ने विस्तार से स्वतंत्रता सेनानियों के कुर्बानियों को बताया। उन्होंने कहा कि इन्हीं स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों का नतीजा है कि आज हम आज़ाद हिंदुस्तान में चैन की सांस ले रहे हैं।इस देश को किसी एक धर्म और जाति के लोगों ने आज़ाद नहीं कराया है, बल्कि सभी ने मुत्तहिद होकर अपने सर कटवाये हैं।
गुलामी की दास्तान सुनकर लोगों की आंखें नम हो गईं। उन्होंने कहा कि सबसे पहली आज़ादी की लड़ाई टीपू सुल्तान ने लड़ी थी।इसके अलावा हजारों जांबाजों जैसे अशफाकुल्लाह खान,राम प्रसाद बिस्मिल,भगत सिंह ने भी बेझिझक देश को आजाद कराने के लिए अपने अपने जान की कुर्बानियां दीं। उलमाओं ने जिहाद का फतवा देकर हिंदुस्तान को आजाद कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
ईस्ट इंडिया कंपनी को स्थापित कर व्यापार करने के लिए अंग्रेजों ने पूरे हिंदुस्तान को गुलाम बना लिया।
और पूरे देश पर अपना कब्जा जमा कर अपना शासन करने लगे।
अंग्रेजों ने भारतीयों को गुलाम बनाकर उनपर तरह तरह की जुल्म ज्यादतियां करने लगे।
अंततः अंग्रेजों के खिलाफ भारतीयों ने जंग का एलान कर दिए।और डटकर लड़े।और भारत को आजाद कराये। मौलाना शाह वलीउल्लाह, मौलाना, हिफजुर्रहमान, मुफ्ती किफायतुल्लाह, मौलाना शाह अब्दुल अज़ीज़, मौलाना मुहम्मद अली जौहर जैसे हजारों मुस्लिम ओलमाओं तथा चंद्र शेखर आजाद , महात्मा गांधी,राम प्रसाद बिस्मिल,भगत सिंह जैसे स्वतंत्रता सेनानियों को भी भुलाया नहीं जा सकता है।
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर रंगारंग कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। विद्यार्थियों के रंगारंग कार्यक्रम ने अतिथियों के मन को मोह लिया।
अंतरराष्ट्रीय शायर असद महताब ने अपने देशभक्ति गीतों से देश प्रेम की भावना को जगा कर लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
इस मौके पर मदरसा प्रबंधक मुहम्मद हुसैन सिद्दीकी, मुख्य अतिथि डाक्टर अतीकुर्रहमान सिद्दीकी, अंतरराष्ट्रीय शायर असद महताब प्रधानाचार्य मौलाना अजीजुल्लाह, सनाउल्लाह, हबीबुल्लाह,सलीम, अताउल्लाह, मौलाना निजामुद्दीन,मास्टर तुफैल, अब्दुल वहाब,सगीर अहमद, मुहम्मद वसीम, मुहम्मद सलमान,नदीम अहमद, मुहम्मद फैसल, मुहम्मद वसीम, मास्टर सलाहुद्दीन,मुहम्मद असजद,मोईन अंसारी, मंसूर अली व अन्य अभिभावक व अतिथि गण मौजूद रहे हैं।