बस्ती, 5 अगस्त 2021जिले के छह अस्पतालों का चयन कायाकल्प अवार्ड के लिए किया गया है। जिन अस्पतालों का चयन हुआ है, उसमें जिला महिला अस्पताल, सीएचसी(सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) कप्तानगंज, रुधौली, गौर, परशुरामपुर व हर्रैया के नाम शामिल हैं। बस्ती मंडल में सबसे सबसे ज्यादा अस्पताल का चयन बस्ती जिले से हुआ है। कोविड काल में भी अस्पतालों में बेहतर व्यवस्था बनाए रखने की चुनौती थी। कोविड काल में इन अस्पतालों को अवार्ड के लिए चयनित किया गया है।

मानक के अनुसार अस्पताल का संचालन करने व मरीजों को बेहतर सुविधा प्रदान करने वाली चिकित्सा इकाईयों को कायाकल्प और इन्क्वॉस अवार्ड से सम्मानित किया जाता है। आंतरिक व बाह्य मूल्यांकन में बेहतर प्रदर्शन करने वालों का चयन अवार्ड के लिए किया जाता है। इसमें साफ-सफाई, अभिलेखों का रख-रखाव, दवा आदि का प्रबंधन, बायोवेस्ट मैनेजमेंट जैसे बिंदु शामिल होते हैं। मानक में खरा उतरने के बाद राज्य स्तर से से जिला महिला अस्पताल व पांच सीएचसी का चयन कायाकल्प अवार्ड 2020-21 के लिए किया गया है। इसके तहत जिला महिला अस्पताल को 3.5 लाख रुपए तथा सभी चयनित सीएचसी को एक-एक लाख रुपए मिलेगा।

क्वालिटी एश्योरेंस सेल के जिला क्वालिटी कंसल्टेंट डॉ. अजय कुमार ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में कायाकल्प अवार्ड स्कीम के अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का तीन चरणों (इंटर्नल, पियर व एक्सटर्नल असेस्मेंट) कार्य कराया गया था। कोविड काल के कारण भारत सरकार के निर्देश पर एक्सटर्नल असेस्मेंट वर्चुअली किया गया था। उन्होंने बताया कि मानक के आधार पर प्रदेश में कुल 215 चिकित्सा इकाइयों का चयन किया गया है। इन्हें 70 प्रतिशत से अधिक स्कोर प्राप्त हुआ है। इसमें बस्ती की छह इकाई शामिल है।

अस्पतालों को पहले भी मिल चुका है अवार्ड

जिले की चिकित्सा इकाइयों को पहले भी कायाकल्प अवार्ड मिल चुका है। इसमें जिला महिला अस्पताल सहित आठ चिकित्सा इकाई शामिल है। सीएचसी मरवटिया को वर्ष 2016-17 में सबसे पहले दो लाख रुपए कायाकल्प अवार्ड के रूप में मिला था। पीएचसी कुदरहा को तीन बार पहले यह अवार्ड मिल चुका है। 2019-20 में पीएचसी कुदरहा को दो लाख रुपए का अवार्ड मिल मिल चुका है। जिला महिला अस्पताल को तीसरी बार यह अवार्ड मिला है। इसके अलावा जिला टीबी हास्पिटल, सीएचसी कप्तानगंज, जिला अस्पताल, सीएचसी गौर, सीएचसी रुधौली, सीएचसी कप्तानगंज और पीएचसी सिकंदरपुर को यह अवार्ड मिल चुका है।