✍️नरेश सैनी

सनातन गोस्वामी के अनुयाई संतों ने लगाई गोवर्धन की परिक्रमा

मंदिरों के किए दर्शन, सिर मुड़ाए संत थे आकर्षण का केन्द्र

संतों का पुष्पवर्षा करके किया स्वागत

श्याम सुंदर व चैतन्य महाप्रभु मंदिर से निकली शोभायात्राएं

🟥गोवर्धन मथुरा – गुरु पूर्णिमा पर सोमवार को गिरिराज धाम में आस्था और परंपरा का अद्भुत संगम दिखाई दिया। वाद्य यंत्रों के साथ हरिनाम संकीर्तन की गूंज से गिरिराज तलहटी गुंजायमान हो उठी। मुडिया शोभायात्राओं के दौरान गुरु के सम्मान में सिर मुंडवाए मुड़िया संत ढोलक-ढप और झांझ-मजीरे की धुन पर नाच रहे थे। मुड़िया संतों का जगह-जगह पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया।
हरिनाम संकीर्तन के बीच गुरु भक्ति में तल्लीन होकर पहली मुड़िया शोभायात्रा चकलेश्वर स्थित राधा-श्याम सुंदर मंदिर से विगत करीब पांच सौ सालों गुरु-शिष्य परंपरा का निर्वहन करते हुए सोमवार की सुबह महंत राम कृष्ण दास के निर्देशन में निकाली गई। इसमें सनातन गोस्वामी के डोला के साथ भव्य शोभायात्रा का शुभारंभ हुआ। शोभायात्रा में संतों के अलावा विभिन्न राज्यों से आए अनुयाई भी हरिनाम संकीर्तन की धुनों पर थिरकते हुए चल रहे थे। जिसमें गोवर्धन विधायक ठाकुर मेघश्याम सिंह, मांट विधायक राजेश चौधरी, गोवर्धन चैयरमैन प्रतिनिधि मनीष लम्बरदार के साथ सनातन गोस्वामी की भजन कुटीर पर नमन करते हुए सिर मुड़ाये मुड़िया संत हरिन संकीर्तन के साथ नृत्य करते हुए श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बन गये। शोभायात्रा में सिर मुड़ाए मुड़िया संत तथा मांट विधायक राजेश चौधरी ने संतों के साथ मजीरे बजाये । मुड़िया शोभायात्रा मानस गंगा की परिक्रमा करते हुए प्राचीन ऐतिहासिक स्थल चकलेश्वर, महाप्रभु की बैठक, दसविसा हरिदेवजी मंदिर होते हुए दानघाटी मंदिर, डीग अड्डा, बड़ा बाजार, हाथी दरवाजा होते हुए शुभारंभ स्थल पर ही संपन्न हुई। शोभायात्रा में ब्रज मंडल से पधारे संत श्याम सुंदर दास, अरुण दास, चेतन दास, हजारी दास, रविदास, गोपाल दास, राधेश्याम दास, हरेकृष्णा दास, साधना दास आदि संत शामिल थे।
राधा-श्याम सुंदर के महंत राम कृष्ण दास ने बताया कि पश्चिम बंगाल से लगभग 500 वर्ष पूर्व आकर सनातन गोस्वामी ने चैतन्य महाप्रभु के निर्देश पर भगवान श्रीकृष्ण की लीला स्थलियों की खोज की थी। प्रभु भक्ति में गोवर्धन में चक्लेश्वर सनातन गोस्वामी के गोलोकवास के उपरांत उनके अनुयायी भक्तों व ब्रजवासियों ने सिर मुड़वाकर नगर भ्रमण करते हुए मानसी गंगा की परिक्रमा की थी तभी से इसका नाम मुड़िया पूर्णिमा पड़ गया तथा गुरु शिष्य परंपरा का निर्वहन करते हुए गत पांच सौ वर्षों से यह शोभायात्रा भक्ति और आस्था का जीवंत उदाहरण बन गई है।
गुरु पूर्णिमा के दिन सुबह 8 बजे से शिष्य और गुरु की परंपरा का निर्वहन किया गया। शिष्यों ने गुरु से दीक्षा लेकर गुरु पूजन किया।
इस अवसर पर सीओ राम मोहन शर्मा पाराशर, एसडीएम कमलेश गोयल, थानाध्यक्ष ओम हरि बाजपेयी, भाजपा नेता सीयाराम शर्मा, उप निरीक्षक यशपाल, हरेन्दर मालिक, गिरिराज शर्मा, डाक्टर विनोद दीक्षित आदि मौजूद थे।
दूसरी शोभायात्रा शाम को चेतन्य महाप्रभु मंदिर से मंदिर के महंत गोपाल दास के निर्देशन में संत सनातन की शोभा यात्रा शोभायात्रा सुर संगीत और परंपरा का अद्भुत प्रदर्शन करती हुई निकाली गई। करेगी। इस अनूठे नजारे को देखने के लिए अकेले उत्तर प्रदेश से ही नहीं बल्कि दूसरे राज्याें से भी रास्तों में एकत्रित थे। सनातन गोस्वामी के चित्रपट के साथ निताई गौर हरिबोल का संकीर्तन करते संतों में गजब का उत्साह दिखाई दे रहा था।उछलते कूदते संतों ने विभिन्न आकर्षक झांकियों के साथ मानसी गंगा की परिक्रमा लगाई।