मथुरा
रिपोर्ट सत्येंद्र यादव

गोवर्धन। आजादी के सात दशक बीत जाने के बाद भी कोन्हई के ग्रामीण विकास की बाट जोह रहे हैं। सड़क निर्माण न होने पर एकजुट ग्रामीणों ने एकजुट होकर पंचायत कर चुनाव से बहिष्कार करने का फैसला लिया है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में विकास नहीं किया तो जनप्रतिनिधियों का वोट लेने का अधिकार नहीं है। कई बार शिकायत करने के बाद भी गांव से जोड़ने वाले संपर्क मार्गोें को ठीक नहीं कराया गया है। शुक्रवार को गांव में मुनियादी लगाकर राधाश्याम सुंदर मंदिर पर पंचायत की गई इसके बाद गुस्साए सैकड़ों ग्रामीण जुल्हेंदी मार्ग पर पहुंच गये और वर्तमान विधायक, शासन- प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। गांव के ही बुजुर्ग रामसिंह का कहना है कि जब गांव की सड़क व जन समस्याओं को दूर नहीं किया जा रहा है तो वोट देने का कोई फायदा नहीं है। पोहप सिंह कहना है कि गांव में विधायक ठा. कारिंदा सिंह के कई साल से दर्शन तक नहीं हुए हैं। सुभाष जादौंन का कहना है कि जुल्हेंदी मार्ग पर स्कूल होने के कारण पढ़ने वाले बच्चों को दल-दल कीचड़ व गहरे-गहरे गड्ढों से निकलना पड़ रहा है। छोटे-छोटे बच्चे गिर जाते हैं। प्रकाश का कहना है कि कोन्हई को जोड़ने वाले कोन्हई से पेलखू जो कि सीधे दिल्ली हाइवे को जोड़ता है की स्थिति ठीक नहीं है। बधाल व जुल्हेंदी रोड पर गड्डे व कंटीली झाड़ियां खड़ी है। हुकमपाल का कहना है कि पूरे गांव के लोग वोट नहीं डालेंगे और वूथ खाली रहेगा। इस अवसर पर ग्राम प्रधान सरोज, चरन सिंह, कल्याण, प्रहलाद, करन सिंह जादौंन, जगन्नाथ, गिरधारी, भोजी, नारायण सिंह, नंदकिशोर, उमेश, कैलाश, निरतो, ओमप्रकाश, परमानंद आदि सैकड़ों लोगों ने विकास कार्य न होने पर विरोध प्रदर्शन किया।
सड़क न होने स्कूल नहीं पहुंच पाते बच्चे
गोवर्धन विधानसभा के गांव कोन्हई की आबादी करीब छह हजार है। इस गांव को जोड़ने वाले पेलखू, बधाल व जुल्हेंदी मार्ग की स्थिति ठीक न होने पर गांव वाले परेशान हैं। जुल्हेंदी मार्ग पर स्कूल होने से बच्चों को दिक्कत हो रही है। लोगों के बीमार होने पर रास्ता न निकल पाने के कारण परेशान हैं। गांव के लोग एकजुट हो गये हैं। लोगों ने शासन-प्रशासन के खिलाफ हाय-हाय के नारे लगाये।