🟥देवरिया,

10 वर्षों से लगातार प्रति माह की 27 और 28 तारीख को चलने वाली निःशुल्क 2 दिवसीय प्राकृतिक जैविक मल्टीलेयर कृषि कार्यशाला का 120 वा सत्र संपन्न ।

कार्यशाला उन्नत कृषि अभियान परिषद के तत्वावधान में 27 और 28 नवम्बर 2013 को प्रारंभ हुई थी जो बिना बाहरी आर्थिक मदद के और बिना किसी अवकास के 120 सत्र पूरे कर चुकी है , इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक जैविक खेती के लिए किसानों को जागरूक करना और उन्हें स्वयं द्वारा नवाचारित मल्टीलेयर कृषि पद्धति से अवगत कराना जो किसान को आत्मनिर्भर

बनाती है और समाज को विष्मुक्त गुणवत्ता युक्त भोजन उपलब्ध कराती है साथ किसान को कृषि से जुड़ी हर समस्या का सस्टेनेबल समाधान देना ।
अब तक देश और दुनिया के हज़ारो किसान लाभान्वित हुए ।

आकाश चौरसिया सागर, मध्यप्रदेश द्वारा किसानों को नर्सरी से लेकर उत्पाद बनाने तक की जानकारी प्रभावशाली ढंग से दी गयी ।
किसानों ने कृषि के अनेक मॉडलो का अध्ययन किया । कार्यशाला में किसानों ने कृषि व्यवस्था को समझा जो मिट्टी किसान को उत्पादन तो देती है परंतु उसका लाभ किसान के हाँथ में नहीं पहुँचता उसके लिए किसान को कार्य करने के तरीक़े में बदलाव करना पड़ेगा जिसमे किसान को पहले मिट्टी

का उपचार फिर मिट्टी में संतुलित और संपूर्ण भोजन फिर भारतीय वातावरण में फल देने वाले देशी बीज का प्रयोग फिर देशी बीजों का उपचार फिर कीड़े और बीमारियों हेतु प्राकृतिक उपायो का प्रयोग फिर उत्पादन का उत्पाद और उत्पाद को उचित मूल्य में उपभोक्ता तक पहुँचाना इससे कृषि उत्पादन के साथ गुणवत्ता भी

बड़ेगी और किसान अपनी आय बढ़ाकर आत्मनिर्भर भी बन सकेंगे ।
इस पूरी प्रक्रिया में वर्तमान भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही हितकारी अनेक योजनाओ का लाभ लेकर सरकार के आत्मनिर्भर कृषि और किसान के अभियान को भी पूरा किया जा सकता है ! किसानों ने कार्यशाला में खाद बीज और दवाईयो पर भी प्रशिक्षण प्राप्त किया ।

🟥रिपोर्ट मृत्युंजय गुप्त विशारद