🔴 डॉ शशि कांत सुमन
मुंगेर। एनीमिया से बचने के लिए प्रोटीन युक्त भोजन का सेवन करना आवश्यक है। एनीमिया की बीमारी खून की कमी से होती है। इसलिए इससे बचने के लिए आयरन युक्त भोजन का भी सेवन जरूरी है। मालूम हो कि शरीर में पर्याप्त मात्रा में आयरन रहने से इस बीमारी के होने की संभावना ना के बराबर रहती है। इसलिए, खान-पान एवं रहन-सहन का विशेष ख्याल रखें और सकारात्मक बदलाव ही बीमारी से बचाव का बड़ा उपचार है। यह बीमारी खून में पर्याप्त स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाएं या हीमोग्लोबिन कम होने से होती है। इसलिए लक्षण दिखते ही तुरंत इलाज कराएं और चिकित्सक द्वारा दिए गए चिकित्सकीय परामर्श का भी पालन करें। अन्यथा थोड़ी सी लापरवाही भी बड़ी मुसीबत और परेशानी का सबब बन सकती है। इससे घबराने की भी जरूरत नहीं है। ऐसे में समय पर जांच के लिए अस्पताल जाने एवं चिकित्सकों की सलाह का पालन करना चाहिए। जो आगे की मुसीबत उत्पन्न नहीं होने देगी, आपके लिए फायदेमंद साबित होगा तथा आसानी के साथ आपको बीमारी से छुटकारा मिल सकता है।

– आयरनयुक्त खाना का करें सेवन

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. राजेश कुमार रौशन ने बताया कि आयरन की कमी के कारण एनीमिया होती है। इसलिए इस बीमारी से लोगों को आहार बदलने एवं आयरन युक्त आहार का सेवन करने से बचाव होगा।

– ये हैं एनीमिया के प्रारंभिक लक्षण :
उन्होंने बताया कि एनीमिया बीमारी का शुरुआती लक्षण थकान, कमजोरी, त्वचा का पीला होना, दिल की धड़कन में बदलाव, सांस लेने में तकलीफ, चक्कर आना, सीने में दर्द, हाथों और पैरों का ठंडा होना, सिरदर्द आदि होना है। ऐसा लक्षण होते ही ससमय इलाज कराएं।

– प्रोटीन युक्त खाने का करें सेवन :
उन्होंने बताया कि एनीमिया के दौरान प्रोटीन युक्त खाने का सेवन करें। जैसे पालक, सोयाबीन, चुकंदर, लाल मांस, मूँगफली का मक्खन, अंडे, टमाटर, अनार, शहद, सेब, खजूर आदि प्रोटीन युक्त आहार का सेवन करें। जो आपके शरीर की कमी को पूरी करता एवं हीमोग्लोबिन जैसी कमी भी दूर होती है । इससे आपको एनीमिया बीमारी से बचाव मिल सकता है।

– चिकित्सकों की सलाह का करें पालन :
जिला सामुदायिक उत्प्रेरक निखिल राज ने बताया कि एनीमिया के दौरान आप तुरंत किसी अच्छे चिकित्सक से दिखाएं एवं चिकित्सकों के अनुसार आवश्यक जांच कराएं । जिसके बाद चिकित्सकों द्वारा दी गई आवश्यक चिकित्सा परामर्श का पालन करें, जो आपके लिए फायदेमंद साबित होगा।

– गर्भवती महिलाएं रखें विशेष ख्याल :
उन्होंने बताया कि गर्भवती महिलाएँ को गर्भस्थ शिशु के विकास के लिए शरीर में रक्त का निर्माण करना पड़ता है। जिसमें कमी होने के कारण एनीमिया होने की प्रबल संभावना हो जाती है। इसलिए गर्भवती महिलाएँ को गर्भ के दौरान लगातार हीमोग्लोबिन समेत अन्य आवश्यक जांच करानी चाहिए एवं चिकित्सकों के चिकित्सा परामर्श का पालन करना चाहिए।

– समय पर खाएं खाना :
एनीमिया से बचाव के लिए समय पर खाना भी जरूरी है। इसलिए, इस बात का विशेष ख्याल रखें कि समय पर खाना खाएं और परिवार के अन्य सदस्यों के भी खान-पान का ख्याल रखें। खासकर घर के बच्चे और बुजुर्गों के खान-पान को लेकर विशेष ख्याल रखें।